मेरठ के जागृति विहार में इन मांगों को लेकर 20 दिनों से जारी किसानों का धरना, अधिकारी मौन

किसानों ने एक स्कूल की इमारत का निर्माण भी रोक दिया है। इनर रिंग रोड का निर्माण भी रुक गया है। अर्जित भूमि किसान संगठन के बैनर तले किसान रविवार को भी धरने पर बैठे रहे। किसानों का कहना है कि पिछले 10 साल से अधिकारी उदासीन रवैया अपनाए हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 02:49 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 02:49 PM (IST)
मेरठ के जागृति विहार में इन मांगों को लेकर 20 दिनों से जारी किसानों का धरना, अधिकारी मौन
मेरठ के जागृति विहार में किसानों का 20 दिन से धरना जारी।

जागरण संवाददाता, मेरठ। जागृति विहार एक्सटेंशन के सेक्टर पांच में किसानों का धरना लगातार 20वें दिन भी जारी रहा। किसानों और परिषद के आपस के विवाद में सैकड़ों आवंटी पिस रहे हैं। योजना में सड़क आदि का निर्माण कार्य बंद है। योजना में छह सौ से अधिक भूखंड और अर्धनिर्मित मकान परिषद ने आवंटित कर दिए हैं। इसी के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के 344 लाभार्थियों का भी चयन हो चुका है। किसानों के विरोध के चलते लोग अपने मकान का निर्माण नहीं करा पा रहे हैं। 

किसानों ने एक स्कूल की इमारत का निर्माण भी रोक दिया है। इनर रिंग रोड का निर्माण भी रुक गया है। अर्जित भूमि किसान संगठन के बैनर तले किसान रविवार को भी धरने पर बैठे रहे। किसानों का कहना है कि पिछले 10 साल से परिषद के अधिकारी उनकी मांगों को लेकर उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। हुकुम सिंह, तुलसीदास, रणपाल सिंह, अशफाक, मदन सिंह, जयभगवान, बिल्लू आदि मौजूद रहे। अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने कहा कि किसानों को दिए जाने वाले भूखंडों का लेआउट फाइनल हो चुका है। इसे जल्द किसानों को आवंटित कर दिया जाएगा। छह प्रतिशत की मांग मुख्यालय भेजी गई है।

यह है मुख्य गतिरोध : जागृति विहार एक्सटेंशन योजना के लिए 2009 में भूमि का अधिग्रहण किया था। किसानों को अधिग्रहीत भूमि का पांच प्रतिशत विकसित भूखंडों के रूप में दिया जाना था। परिषद ने तीन साल पहले आवंटियों को तो मकान और प्लाट बेचने शुरू कर दिए लेकिन किसानों को भूखंड नहीं दिए।

ये हैं किसानों की मुख्य मांगें

घोसीपुर और कमालपुर के किसानों को जिस प्रकार अतिरिक्त मुआवजा दिया गया है। अनुबंध की शर्त के अनुसार उसी तर्ज पर काजीपुर, सरायकाजी, मेरठ कस्बा के किसान 660 रुपये अतिरिक्त प्रतिकर की मांग कर रहे हैं।

मंडोला और सिद्धार्थनगर योजना में में परिषद ने मुआवजे के रूप में अधिग्रहीत भूमि का छह प्रतिशत विकसित भूखंड के रूप में किसानों को दिया है। जागृति विहार एक्सटेंशन के किसानों की मांग है कि उन्हें भी छह प्रतिशत विकसित भूखंड दिए जाएं। 

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