Farmers Protest: बागपत में प्रदर्शनकारी किसानों पर मुकदमा दर्ज, जानिए धरना खत्म कराने के पीछे क्या रही वजह?
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक की तहरीर पर बागपत के बडौत कोतवाली में हाईवे पर अतिक्रमण करने वाली भीड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसमें महामारी अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम धारा 144 के उल्लंघन हाइवे पर अतिक्रमण आदि के आरोप लगाया गया है।
बागपत, जेएनएन। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक की तहरीर पर बागपत के बडौत कोतवाली में हाईवे पर अतिक्रमण करने वाली भीड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसमें महामारी अधिनियम, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, धारा 144 के उल्लंघन, हाइवे पर अतिक्रमण आदि के आरोप लगाया गया है। इसके बाद धरना देने वाले किसानों में हड़कंप मचा हुआ है। किसान नेताओं की आपस में इस बात को लेकर चर्चा भी चल रही है। वहीं पुलिस भी इस मामले की जांच में लगी हुई है।
पुलिस ने टेंट में घुसकर देर रात किसानों को खदेड़ा था
दिल्ली हिंसा के बाद धरनास्थल पर थांबा चौधरी ब्रजपाल सिंह बलजौर सिंह आर्य, विक्रम सिंह आदि ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में हाईवे की एक साइड में किसानों का धरना चल रहा था। देर रात भारी संख्या में पुलिस आई और धरनास्थल पर टेंट में घुस गई। वहां सो रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसा दी और वहां से किसानों को खदेड़ दिया। यह सरासर पुलिस की ज्यादती है। पुलिस ने उनका टेंट भी हटवा दिया। लगभग धरने उधर, जिस समय यह कार्रवाई हुई है वहां लगभग इमरान प्रधान, सुमेर सिंह, सोनू सिनौली, बलदेव सिंह, दरियाव सिंह आदि लगभग 40 किसान मौजूद थे। सीओ आलोक सिंह ने बताया कि किसानों से बातचीत के बाद ही धरने को समाप्त कराया गया है किसी भी किसान पर लाठी चार्ज नहीं किया है जो हुआ वह सबकी सहमति से हुआ है और किसान शांति के साथ अपने घर चले गए है।
क्यों खत्म कराया गया था धरना
दरअसल धरना समाप्त कराने के पीछे एक बड़ी वजह है। एनएचआई ने प्रशासन को पत्र लिखा था कि जिस सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। उसपर किसान प्रदर्शनकारी कई दिनों से बैठे हुए हैं। इस कारण से कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। साथ ही अराजक तत्व इस कार्य पूरा होने में बाधा बन रहे हैं। इस पर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए देर रात किसानों को खदेड़कर धरना समाप्त करा दिया।