Farmers Protest: मेरठ में पैदल मार्च निकालकर किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, ये रही मुख्य मांगें
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान संगठनों ने पैदल मार्च निकालकर कृषि कानूनों को वापस करने की मांग रखी। मवाना रोड छावनी परिषद के टोल से चलकर किसान संगठन के लोग कमिश्नरी पहुंचे और एसीएम चंद्रेश कुमार को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
मेरठ, जेएनएन। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान संगठनों ने पैदल मार्च निकालकर कृषि कानूनों को वापस करने की मांग रखी। मवाना रोड छावनी परिषद के टोल से चलकर किसान संगठन के लोग कमिश्नरी पहुंचे और एसीएम चंद्रेश कुमार को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान संगठनों ने दिल्ली कूच करने की योजना बना रखी थी। लेकिन पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते किसान संगठनों ने दिल्ली जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। वहीं, किसानों की आवाज उठाने वाले मुख्य संगठन भारतीय किसान यूनियन ने गुरुवार को पूरे आंदोलन से दूरी बनाई रखी।
छावनी टोल से शुरू किया पैदल मार्च
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक मानवेंद्र वर्मा ने बताया कि उनके साथ किसानों से जुड़े सात संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। मवाना रोड स्थित छावनी परिषद के टोल से चलकर किसान संगठन के सदस्य कमिश्ननरी पहुंचे। यहां पर किसानों ने नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी। बाद में पुलिस की मौजूदगी में एसीएम चंद्रेश कुमार को ज्ञापन सौंपा।
पंजाब व हरियाणा के साथ उप्र के किसान : मानवेंद्र वर्मा
गुरुवार को धरना प्रदर्शन करने वाले अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक मानवेंद्र वर्मा ने कहा कि किसानों का उत्पीड़न किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। कृषि कानूनों को वापस करने की मांग में उप्र का किसान भी पंजाब व हरियाणा के साथ है। धरना प्रदर्शन को अखिल भारतीय किसान सभा के जितेंद्र सिंह, जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कर्नल रि. जयवीर सिंह, भारतीय किसान आंदोलन के कुलदीप त्यागी के अलावा डीपी सिंह, अशोक पंवार, आत्मप्रकाश, रामकुमार प्रधान व संजय मलिक आदि ने संबोधित किया। राजकुमार प्रधान, अंकित भलसोना, राहुल चौधरी व रामवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
भाकियू ने बनाई आंदोलन से दूरी
26 नवंबर को दिल्ली कूच करने के आहवान को लेकर मेरठ से कई संगठनों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में योेेेजना बनाई थी। लेकिन बाद में कमिश्नरी पर धरने के बाद प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। इस पूरे मामले में किसानों की राजनीति करने वाले मुख्य संगठन भारतीय किसान यूनियन ने भी दूरी बनाई रखी। भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी ने बताया कि उन्हें संगठन हाइकमान से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है।
ये संगठन रहे शामिल
- राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन
- किसान विचार मंच
- अखिल भारतीय किसान सभा
- भारतीय किसान आंदोलन
- राष्ट्रीय सैनिक संस्था
- जय किसान आंदोलन
- इंडियन नर्सरी एसोसिएशन
ज्ञापन में यह रही मुख्य मांग -
1 - केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून को वापस लिया जाए।
2 - बिजली बिल 2020 वापस हो और निजीकरण न किया जाए।
3 - किसानों को ब्याज सहित तत्काल गन्ना भुगतान कराया जाए।
4 - पराली व पत्ती जलाने पर जुर्माने का प्रावधान समाप्त किया जाए।
5 - डीजल कीमत की दर घटाकर आधी की जाए।