धान नहीं दे रहा किसानों को भाव, बरसात कम होने से बढ़ी परेशानी

बरसात कम होने से किसानों को धान की फसल की सिंचाई महंगी पड़ी। वहीं दूसरी तरफ कम भाव मिलने से किसान चितिंत हैं। बुलंदशहर में धान के कम भाव मिलने से लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है बीते वर्ष भी नहीं मिले थे उचित दाम।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Fri, 02 Oct 2020 09:20 PM (IST) Updated:Fri, 02 Oct 2020 09:20 PM (IST)
धान नहीं दे रहा किसानों को भाव, बरसात कम होने से बढ़ी परेशानी
बरसात कम होने से किसानों को धान की फसल की सिंचाई महंगी पड़ी।

बुलंदशहर, जेएनएन। धान की फसल से किसानों को काफी उम्मीद लगी रहती है, लेकिन इस बार किसानों दोहरी मार झेल रहे हैं। जहां बरसात कम होने से किसानों को धान की फसल की सिंचाई महंगी पड़ी। वहीं दूसरी तरफ कम भाव मिलने से किसान चितिंत हैं और उनके सामने लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।खुर्जा, अरनिया और पहासू ब्लाक में किसान सबसे अधिक 1509, सरबती और सुगंध प्रजाति के धान की बुवाई करते हैं। गेहूं की फसल के अलावा धान की फसल से ही किसानों को काफी उम्मीद लगी रहती है। जिसके सहारे ही किसान अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। साथ ही लिए कर्ज को देने के लिए भी किसानों को धान की फसल से काफी उम्मीद लगी रहती है। जब किसानों ने धान की फसल की बुवाई की थी। उस समय किसान बरसात के लिए इंद्रदेव की प्रार्थना करने लगे थे, लेकिन बरसात नहीं हो सकी। किसी तरह किसानों ने धान की फसल को पक कर तैयार कर लिया और कटाई के बाद फसल को मंडी तक पहुंचाना शुरू कर दिया। किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें धान की फसल का उचित दाम मिल सकेगा, लेकिन 1509 महज 1600 से 1900, सुगंध 1500 से 1800 और सरबती 1400 से 1750 रुपये प्रति कुंतल बिक रही है। ऐसे में किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।

बोले किसान...

कृषि विधेयक पास करके सरकार किसानों को राहत देने की बात कह रही है, लेकिन वर्तमान में किसानों को उनकी धान का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। फसल में लगाई गई लागत भी निकलना मुश्किल हो रही है।

-रनवीर सिंह, निवासी गांव अहमदबास।

बीते वर्ष भी किसानों को धान का उचित भाव नहीं मिल सका था और इस वर्ष भी भाव बहुत कम है। जबकि बरसात नहीं होने के कारण इस बार फसल में अधिक लागत लगी है। ऐसे भाव में उचित मिलना चाहिए था।

-अशोक कुमार, निवासी गांव बरौला।

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