गन्‍ना किसानों की विवशता: चीनी मिलें बंद होने से कोल्हू पर गन्ना डालने के लिए मजबूर हुए किसान

किसानों का कहना है कि चीनी मिलें बंद होने की स्थिति में उन्हें गन्ना आपूर्ति कोल्हू में करनी होगी जिससे काफी नुकसान होगा। कोल्हू में 200 से 240 रुपये तक प्रति कुंतल गन्ने का भुगतान हो रहा है ।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:12 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:12 PM (IST)
गन्‍ना किसानों की विवशता: चीनी मिलें बंद होने से कोल्हू पर गन्ना डालने के लिए मजबूर हुए किसान
यूपी के गन्‍ना किसानों की विवशता ।

मेरठ, जेएनएन। गन्ना विभाग ने चीनी मिलों के बंद होने की बात कही, तो गन्ना किसानों के लिए मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। गन्ना किसानों कासीधा आरोप है कि गन्ना विभाग ने उन्हें गन्ना पेराई पूरा होने पर ही चीनी मिलों को बंद करने की बात कही थी। लेकिन मौजूदा स्थिति में खेतों में गन्ना खड़ा हुआ

है। इस हालात में चीनी मिलों ने गन्ना लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद मजबूरन अब गन्ना कोल्हू में डालना पड़ेगा। इस मुसीबत को लेकर गन्ना किसानों में

आक्रोश है। किसानों का कहना है कि कोल्हू में उन्हें 200 रुपये से लेकर 240 रुपये तक ही प्रति कुंतल के दाम मिल रहे हैं। इससे उनका आर्थिक नुकसान होगा।

सकौती चीनी मिल क्षेत्र के गन्ना किसान नवनीत शर्मा, रिंकू सोम, राजेश शर्मा, घनश्याम सिंह, मुकेश सोम, विक्रम सिंह व सतवीर सिंह सोम आदि ने बताया कि

सकौती मिल ने गन्ना लेने से इंकार कर दिया है, जबकि अभी खेतों में गन्ना खड़ा हुआ है। आरोप लगाया कि मजबूरन उन्हें अब गन्ना कम कीमत पर कोल्हू में

डालना पड़ेगा। जिससे उनका काफी नुकसान होगा। वहीं, मोहिद्दीनपुर चीनी मिल के किसान छज्जपुर निवासी जितेंद्र कुमार ने बताया कि कई दिन से गन्ना आपूर्ति बंद कर रखी है। मिल प्रबंधन कारण स्पष्ट नहीं कर रहा है।

कोल्हू में नहीं मिलते उचित दाम

किसानों का कहना है कि चीनी मिलें बंद होने की स्थिति में उन्हें गन्ना आपूर्ति कोल्हू में करनी होगी, जिससे काफी नुकसान होगा। कोल्हू में 200 से 240 रुपये

तक प्रति कुंतल गन्ने का भुगतान हो रहा है। जिससे लागत भी निकलकर नहीं आ सकेगी।

इन्‍होंने बताया...

जिले में मवाना, नंगलामल व किनौनी चीनी मिल बंद हो चुकी है। अब दौराला, सकौती व मोहिद्दीनपुर चीनी मिल ही गन्ने की पेराई कर रही हैं। अधिकतर क्रय केंद्र भी बंद हो चुके हैं। पेराई योग्य गन्ना लेने के बाद सत्रावसन किया जाएगा।

- डा. दुष्यंत कुमार, जिला गन्ना अधिकारी मेरठ

 

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