किसान बता रहे तेंदुआ, वन अधिकारी लकड़बग्घा, खेतों में जाने से कतरा रहे बागपत के जौहड़ी गांव के किसान

बागपत के जौहड़ी गांव के प्रधान सोहनपाल ने बताया कि दो दिन पहले बबलू जुम्मा यशपाल करण आदि के खेतों में जंगली जानवरों के पंजों के निशान देखने को मिले थे। किसानों का कहना है कि पंजों के निशान तेंदुए और उसके शावक के हो सकते हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 02:18 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 02:18 PM (IST)
किसान बता रहे तेंदुआ, वन अधिकारी लकड़बग्घा, खेतों में जाने से कतरा रहे बागपत के जौहड़ी गांव के किसान
तेंदुए के डर के कारण खेतों में जाने से कतरा रहे बागपत के जौहड़ी गांव के किसान

बागपत, जागरण संवाददाता। बड़ौत क्षेत्र के जौहड़ी गांव में किसानों को खेतों में जंगली जानवरों के पंजों के निशान मिले हैं, जिसके बाद किसानों ने दावा किया है कि पंजों के निशान तेंदुए और शावक के हैं। वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और पंजों को देखा, जिसके बाद वन रेंजर ने दावा किया है कि पंजों के निशान देखने में लकड़बग्घा के लग रहे हैं। 

यह है मामला

जौहड़ी गांव के प्रधान सोहनपाल ने बताया कि दो दिन पहले बबलू, जुम्मा, यशपाल, करण आदि के खेतों में जंगली जानवरों के पंजों के निशान देखने को मिले थे। किसानों का कहना है कि पंजों के निशान तेंदुए और शावक के हो सकते हैं। इसकी सूचना वन विभाग बड़ौत रेंज कार्यालय को दी गई थी। वन कर्मचारियों की टीम खेतों में पहुंची और किसानों को साथ लेकर पंजों के निशान देखे। किसानों ने वन कर्मचारियों को बताया कि यह तेंदुए के पंजों के निशान हो सकते हैं इसलिए वह खेतों में आने से कतरा रहे हैं। वन रेंज राजपाल सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को खेतों में जंगली जानवरों के पंजों के निशान देखने को भेजा गया था। कर्मचारियों ने उन्हें मोबाइल में पंजों के निशान के जो फोटो दिखाए हैं उनका मिलान किताबों में जंगली जानवरों के पंजों के फोटो से किया गया है तो वे तेंदुए के पंजों के निशान नहीं लग रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि जैसे पंजों के निशान लकड़बग्घा के हो। ये निशान कुत्तों के पंजों के भी हो सकते हैं। जौहड़ी में तेंदुए की आने की संभावना कम है चूंकि वहां नदी नहीं है तेंदुए अक्सर नदियों के आसपास ही रहते हैं।

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