बाप रे, हवाई जहाज से महंगा एंबुलेंस का किराया
मरीजों के लिए जीवनदायनी के रूप में हमेशा देखी जाने वाली एंबुलेंस भी वर्तमान में मजबूरों को लूटने का साधन बन गई हैं।
मेरठ, जेएनएन। मरीजों के लिए जीवनदायनी के रूप में हमेशा देखी जाने वाली एंबुलेंस भी वर्तमान में कमाई का साधन बनकर रह गई है। हाल ये है कि महामारी के दौर में जब हर कोई एक-दूसरे से मदद की आस लगाए बैठा है, ऐसे कष्टकारी समय में भी एंबुलेंस चालक लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं। इनके लिए कोई नियम तय नहीं है। मरीज हो या शव ले जाना हो, वे मनमर्जी से किराया के रूप में मोटी रकम वसूल रहे हैं। दैनिक जागरण ने शनिवार को इसकी पड़ताल की तो एंबुलेंस का किराया हवाई जहाज से भी महंगा निकला। मेडिकल कालेज से महज सूरजकुंड श्मशान घाट तक शव ले जाने के लिए ढाई हजार रुपये मांगे गए। उधर, परेशान हाल स्वजन इस मनमानी के आगे बेबस हैं।
एडवांस में लेंगे किराया
मेडिकल कालेज में बने शव गृह के बाहर खड़ी एंबुलेंस के चालक से मरीज के शव को सूरजकुंड तक लेकर चलने के संबंध में बातचीत की गई। सौदेबाजी के बाद चालक ढाई हजार पर आकर रुक गया। साथ ही शव को रखकर और उतारते ही वापस आने की शर्त भी लागू कर दी। इसके अलावा शव के साथ सिर्फ दो लोगों को एंबुलेंस में लेकर जाने का नियम भी बताया। तय रकम की एंडवास में मांग की गई।
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रास्ते में उतार देंगे शव
मेडिकल कालेज के गेट पर खड़ी एंबुलेंस के चालक से मवाना तक शव लेकर चलने को लेकर बात की गई तो उसने सीधे छह हजार रुपये मांगे। पांच हजार में सौदा तय हुआ। यहां भी चालक ने अपनी कई शर्ते सामने रखते हुए बताया कि एंडवास में किराया चाहिए। रास्ते में अगर स्वजन ने टोकाटाकी की तो शव को रास्ते में छोड़कर वापस लौट आएगा। इसके अलावा बताए गए स्थान तक ही एंबुलेंस जाएगी। रास्ते में अगर पुलिस परेशान करेगी तो इसकी भी जिम्मेदारी नहीं है।