विशेषज्ञों ने मुजफ्फरनगर से मेरठ तक किया निरीक्षण, बताया- कैसे सुधरेगी काली नदी की सूरत
काली नदी को असल स्वरूप प्रदान करने के लिए कई स्तर पर अभियान शुरू किए गए लेकिन अभियान का कोई खास असर नदी पर नहीं दिखा। अब नमामि गंगे के विशेषज्ञों की टीम ने मंगलवार को मुजफ्फरनगर से मेरठ तक नदी का निरीक्षण किया।
जागरण संवादाता, मेरठ। काली नदी को असल स्वरूप प्रदान करने के लिए कई स्तर पर अभियान शुरू किए गए, लेकिन अभियान का कोई खास असर नदी पर नहीं दिखा। अब नमामि गंगे के विशेषज्ञों की टीम ने मंगलवार को मुजफ्फरनगर से मेरठ तक नदी का निरीक्षण किया। साथ ही बेहतर करने के लिए सुझाव भी दिए।
नीर फाउंडेशन पिछले काफी समय से स्थानीय प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर काली नदी की सूरत बदलने के लिए अभियान चलाए हुए हैं। मंगलवार को फाउंडेशन के अनुरोध पर नमामि गंगे के विशेषज्ञों की टीम भी काली के निरीक्षण के लिए पहुंची। टीम में छोटी नदियों के विशेषज्ञ हरीश महावर, जैव विविधता विशेषज्ञ हरचरण सिंह और भूजल विशेषज्ञ आलोक श्रीवास्तव शामिल रहे। विशेषज्ञों की टीम ने पहले काली नदी के उद्गम स्थल जनपद मुजफ्फरनगर स्थित अंतवाडा गांव से अपनी जांच शुरू की। अंतवाडा में काली नदी के पुनर्जीवन के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखा और वहां पर नदी के तट को और फैलाने का सुझाव दिया। टीम अंतवाड़ा गांव से मेरठ में किला रोड स्थित काली नदी गांवड़ी गांव पहुंची। इस दौरान नीर फाउंडेशन के संस्थापक रमन त्यागी, मेरा शहर मेरी पहल से को-आíडनेटर अंकुश चौधरी और विपुल सिंघल मौजूद रहे।
काली के लिए किठौर विधायक ने शुरू किया जागरूकता अभियान
काली नदी की स्वच्छता और निर्मलता के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी है। ऐसे में किठौर विधायक सत्यवीर त्यागी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव जाकर काली की स्वच्छता के लिए अभियान शुरू किया है। विशेष रूप से काली नदी के किनारे बसे गांवों में चौपाल का आयोजन कर काली की स्वच्छता और महत्व को ग्रामीणों के समक्ष रखकर जागरूक व प्रेरित किया जा रहा है। मंगलवार को भी विधायक ने गांव नगला मल, हिचौला व कुनकुरा में चौपाल का आयोजन किया। विधायक ने कहा कि काली की स्वच्छता के लिए काफी समय से प्रयास जारी है। पहले भी सफाई के लिए अभियान चलवाया गया था।