परीक्षा पीछे हटे या रद हो, पढ़ाई जारी रखें छात्र-छात्राएं

कोविड काल में पढ़ाई की कमी को पूरा करने के लिए स्कूलों ने अतिरिक्त आनलाइन व आफलाइन कक्षाएं चल संचालित कराई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 08:15 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 08:15 AM (IST)
परीक्षा पीछे हटे या रद हो, पढ़ाई जारी रखें छात्र-छात्राएं
परीक्षा पीछे हटे या रद हो, पढ़ाई जारी रखें छात्र-छात्राएं

मेरठ,जेएनएन। कोविड काल में पढ़ाई की कमी को पूरा करने के लिए स्कूलों ने अतिरिक्त आनलाइन व आफलाइन कक्षाएं संचालित कराई। लेखन शैली बेहतर करने के लिए दो से तीन प्री-बोर्ड और कई टेस्ट भी कराए लेकिन अब परीक्षा रद होने और पीछे हटने से स्कूलों में भी उदासी छा गई है। स्कूल परेशान इसलिए भी हैं कि लगातार आ रहे स्वजनों व छात्रों के सवालों के जवाब भी उनके पास नहीं हैं। इसके साथ ही स्कूलों की ओर से छात्रों को पढ़ाई बंद करने की बजाय लगातार जारी रखने का सुझाव दिया जा रहा है जिससे निर्णय के बाद कम समय में भी छात्र हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें।

इन्होंने कहा-

कोई भी परीक्षा रद होना या पीछे हटना अच्छा नहीं होता लेकिन कोविड की स्थिति में ऐसा करना ही उचित था। 10वीं का रिजल्ट इंटरर्नल असेस्टमेंट पर होगा या कुछ और, इसकी जानकारी जल्द मिल जाएगी। 12वीं की परीक्षा महत्वपूर्ण होती है। प्रतियोगी व कालेज की पढ़ाई के लिए भी। इसलिए उनकी परीक्षा जरूर होनी चाहिए और बोर्ड और सरकार इस पर निर्णय जरूर लेंगे। छात्रों को पढ़ाई जारी रखनी चाहिए, जिससे निर्णय होने के बाद जो भी समय बचे छात्र उसके लिए तैयार रहें। समय नष्ट किए बिना व्याप्त संसाधन से अपनी तैयारी करते रहें।

-राहुल केसरवानी, सचिव, मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स

स्कूलों ने बहुत मेहनत की थी। परीक्षा रद होने का दुख है। हम अभिभावकों को इस समय कोई जानकारी भी नहीं दे पा रहे हैं। इससे अच्छा तो परीक्षा मार्च में होना उचित रहता। अब इतनी देरी से यह निर्णय लिए जाने से बच्चे भी परेशान हो रहे हैं। सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए एक कमरे में 12 बच्चों के साथ परीक्षा पहले ही कराई जा सकती थी। हमें कोरोना से भागना नहीं बल्कि बचते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

-असिम कुमार दुबे, प्रिसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

परीक्षा से बच्चे बहुत दुखी हो रहे हैं। बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करनी है। ऐसे में अब बोर्ड परीक्षा पीछे हटने से बच्चे बोर्ड परीक्षा पर ध्यान दें या प्रतियोगी परीक्षाओं पर, इसी खींचतान में हैं। 10वीं के बच्चे अपने रिजल्ट को लेकर अधिक चितित हैं। जिन्होंने बहुत अच्छी तैयारी की वह बच्चे निर्णय सुनकर रोने भी लगे। अब सीबीएसई के निर्देश से आगे की स्थिति साफ हो सकेगी।

-सुधांशु शेखर, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई

10वीं की परीक्षा भले ही रद की गई हो लेकिन देर से ही सही 12वीं की बोर्ड परीक्षा होनी चाहिए। 12वीं के बाद छात्रों को कालेजों में इंजीनियरंग, मेडिकल आदि में प्रवेश लेना होता है जिसमें उनके सटीक अैलेंट को देखा व परखा जाता है। 10वीं के बच्चे स्थिति सुधरने पर परीक्षा दे सकेंगे लेकिन लंबे समय तक पढ़ाई करनी पड़ सकती है। कोविड मामलों को देखते हुए यह सही नि‌र्ण्रय लिया गया है।

-गोपाल दीक्षित, प्रिसिपल, बीडीएम इंटरनेशनल स्कूल

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