अच्छे लेखन को हर कोई पसंद करता है : संजीव पालीवाल

देश अब कोरोना महामारी के दौर से उबरने लगा है और हम सभी एक बार फिर आमने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:40 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 06:40 AM (IST)
अच्छे लेखन को हर कोई पसंद करता है : संजीव पालीवाल
अच्छे लेखन को हर कोई पसंद करता है : संजीव पालीवाल

मेरठ,जेएनएन। देश अब कोरोना महामारी के दौर से उबरने लगा है और हम सभी एक बार फिर आमने-सामने संवाद के लिए तैयार है। अपनी भाषा, अपने लोग वह मौलिक विचार है, जिसे बढ़ावा देने के साथ सम्मानित लेखकों, कलाकारों और साहित्य प्रेमियों को मंच उपलब्ध कराकर एक-दूसरे से जोड़ने व संवाद करने का मौका हम सब को मिला है। ऐसे ही साहित्य के रस से सराबोर कलम कार्यक्रम का शुभारंभ होटल क्रिस्टल में प्रभा खेतान फाउंडेशन और श्री सीमेंट के तत्वावधान में आयोजित हुआ। हास्पिटैलिटी पार्टनर होटल क्रिस्टल पैलेस और मीडिया पार्टनर दैनिक जागरण रहा। कार्यक्रम में लेखक व पत्रकार संजीव पालीवाल से साहित्य प्रेमियों ने संवाद किया और उनकी नवीन रचना पिशाच को लेकर खूब बात की।

कलम कार्यक्रम का शुभारंभ होते ही वरिष्ठ शिक्षिका रीटा राणा ने साहित्य व समाज को लेकर संवाद कर सवालों का सिलसिला शुरू किया। जवाब देने के लिए मौजूद लेखक व वरिष्ठ पत्रकार ने संजीव पालीवाल जिज्ञासा को शांत करना शुरू किया। बात पालीवाल की अपराध और रहस्य में डूबे उपन्यास पिशाच को लेकर शुरू हुई। उपन्यास की कहानी से लेकर अंत तक पर खूब सवाल व जवाब हुए। हाल में मौजूद विभिन्न वर्गो के पाठकों ने भी अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए सवाल किए। लेखक ने बताया कि तमाम कहानियां व उपन्यास के विचार का जन्म हमारे आसपास घटित होने वाली घटनाओं के कारण ही होता है। इंसान के बारे में सब कुछ जानना संभव नहीं है। कई बार इंसान सब के बीच में होने के बाद भी अकेला ही रहता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंशु मेहरा, गरिमा, अनिता गुप्ता, डा. मृणालिनी अनंत, विनीत आनंद आदि मौजूद रहे।

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वेब सीरिज देख रहे हैं, किताब भी पढ़ेंगे

लेखक संजीव पालीवाल ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मेरठ में एक से बढ़कर एक अपराध पर उपन्यास लिखने वाले लेखक हुए हैं। अब खूब क्राइम आधारित वेब सीरिज बन रही हैं और दर्शक भी खूब पसंद कर रहे हैं। ऐसे में पाठकों को अपराध पर आधारित उपन्यास भी खूब पसंद आएगा और वह रोमांच के सागर में डूबकर पढ़ेगे भी।

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फाउंडेशन के मंच पर खूब हुई चर्चा

प्रभा खेतान फाउंडेशन साहित्य, कला, शब्द, संस्कृति और महिलाओं को मजबूती दिलाने के अभियान से जुड़ा है। फाउंडेशन के साथ अहसास वूमन संस्था ने भी पूरा सहयोग किया। पूर्व में भी फाउंडेशन अपने मंच से तमाम तरह के कार्यक्रम का आयोजन कराता रहा है।

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आलोचनाओं का कैसे करें सामना : नेमेश पाडेय

कलम कार्यक्रम में शामिल छात्र नेमेश पांडेय ने सवाल करते हुए पूछा कि साहित्य के क्षेत्र में आलोचक बहुत हैं। ऐसे में आलोचनाओं का सामना कैसे किया जाए। लेखक ने जवाब देते हुए कहा कि आलोचनाओं की परवाह न करे, आपने लेखन पर ध्यान दें।

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