सहारनपुर जिला अस्पताल के जेरियेट्रिक वार्ड में लाखों के उपकरण बेकार पड़े, उपचार के लिए कतार लगा रहे बुजुर्ग

सहारनपुर में लगभग दो साल पहले बुजुर्गों के लिए दस बेड का जेरियेट्रिक वार्ड बनाया गया था करीब 40 लाख रुपये खर्च हुए थे। यह जेरियेट्रिक वार्ड और इसके उपकरण व्यर्थ साबित हो रहे हैं। बुजुर्ग लाइन लगाकर उपचार करा रहे हैं और वार्ड बंद है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 01:02 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 01:02 PM (IST)
सहारनपुर जिला अस्पताल के जेरियेट्रिक वार्ड में लाखों के उपकरण बेकार पड़े, उपचार के लिए कतार लगा रहे बुजुर्ग
सहारनपुर जिला अस्पताल में अव्‍यवस्‍था हावी है।

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। सहारनपुर जिला अस्पताल में बुजुर्गों के लिए करीब दो साल पहले 10 बेड का जेरियेट्रिक वार्ड बनाया गया था, करीब 40 लाख रुपये खर्च हुए थे। यह जेरियेट्रिक वार्ड और इसके उपकरण व्यर्थ साबित हो रहे हैं। बुजुर्ग लाइन लगाकर उपचार करा रहे हैं और वार्ड बंद है। जेरियेट्रिक वार्ड में भर्ती होने वाले बुजुर्ग मरीजों के इलाज के लिए दो विशेषज्ञ डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट, पांच नर्स, दो अटेंडेंट, फिजियोथेरेपिस्ट काउंसलर व अन्य स्टाफ की तैनाती की जानी थी, यह अब तक नहीं हुई है। जनवरी 2020 में 10 बेड का वार्ड बनाया गया था। वार्ड में 10 बेड पडे़ हुए हैं। 10 सी-पेप और एसी की व्यवस्था है। जेरिट्रिक वार्ड का सारा सामान खराब हो रहा है।

यह है योजना

जेरिट्रिक वार्ड में 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों को भर्ती कर इलाज किया जाता है। बीमार बुजुर्गों को भर्ती करने के लिए 24 घंटे की व्यवस्था का आदेश शासन से है। वार्ड में भर्ती बुजुर्गों को परेशानी न हो इसके लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था करनी थी, लेकिन बुजुर्ग भी कतारों में लगकर अपना इलाज करा रहे हैं।

यह खरीदे उपकरण

स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक के लिए मल्टी चैनल पैरामीटर, ट्रैक्शन मशीन, पेल्विक मशीन, सर्वाइकल ट्रैक्सन, मॉनोफेजिक टेफीलेटर, ग्लोकोमीटर, वॉल्कर एडजस्टेबल, नेबुलाइजर, ट्रांस इम्युनिज्म सिस्टम आदि उपकरण खरीद थे। जिनका कोई इस्तेमाल नहीं हुआ है। सीएमएस डा.आभा वर्मा का कहना है कि कोरोना काल के कारण वार्ड को बंद कर दिया गया था। अब दोबारा से जेरियेट्रिक वार्ड को शुरू करेंगे।

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