मिर्गी ठीक हो जाती है..बीच में दवा मत छोड़ना

प्रदूषित सब्जियों की जड़ में पनपता है मिर्गी का कीड़ा, धोकर खाएं। दिमाग में अनियमित करंट बनने से मरीज को झटके लगते हैं, जिसे मिर्गी कहते हैं। हाथ-पांव अकड़ने, मुंह से झाग निकलने, मतिभ्रम, जीभ के मुंह में दबने, बेहोशी, पेशाब निकलने जैसे अन्य जटिल लक्षण उभरते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 11:40 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 11:40 AM (IST)
मिर्गी ठीक हो जाती है..बीच में दवा मत छोड़ना
मिर्गी ठीक हो जाती है..बीच में दवा मत छोड़ना

जासं, मेरठ। दिमाग में चोट, संक्रमण, ज्यादा शराब का सेवन एवं ब्रेन ट्यूमर मिर्गी की बड़ी वजह है, लेकिन पश्चिमी उप्र में अन्य कारणों से भी बीमारी बढ़ी है। प्रदूषित सब्जियों के सेवन से कई बार ऐसे कीड़े दिमाग तक पहुंच जाते हैं, जो मिर्गी की वजह बनते हैं। तमाम मरीज बीच में दवा छोड़ देते हैं, जिससे मौत तक हो सकती है। उधर, स्मॉग से हवा में आक्सीजन की मात्रा घटने से भी बीमारी की जटिलता बढ़ी है।

दिमाग में अनियमित करंट बनने से मरीज को झटके लगते हैं, जिसे मिर्गी कहते हैं। हाथ-पांव अकड़ने, मुंह से झाग निकलने, मतिभ्रम, जीभ के मुंह में दबने, बेहोशी, पेशाब निकलने जैसे अन्य जटिल लक्षण उभरते हैं। मेरठ के न्यूरो विशेषज्ञों की मानें तो पश्चिमी यूपी में न्यूरोसिस्टीसिरकोसिस नामक कीड़ा मिर्गी की बड़ी वजह है। यह ज्यादातर जमीन के अंदर होने वाली सब्जियों के जरिए मानव शरीर में पहुंचता है। ड्रग सेवन एवं एलजाइमर से भी यह बीमारी होती है।

ठीक हो जाती है मिर्गी की बीमारी

वरिष्ठ न्यूरोफिजीशियन, डा. भूपेंद्र चौधरी मिर्गी पूरी तरह ठीक हो जाती है। दौरा पड़ने पर कोई टोटका न करते हुए मरीज का नियमित इलाज कराएं। पहली बार दौरा पड़ा है, तो दवा कम से कम तीन साल चलती है। पेसमेकर की तरह मरीजों में एक डिवाइस भी लगाने का काम चल रहा है, जो दिमाग में बनने वाली अनियमित तरंगों पर काबू करेगी। सब्जियों को धोकर खाएं।

¨हसक हो जाते हैं बच्चे

न्यूरोसाइकेट्रिस्ट डा. सत्यप्रकाश का कहना है कि मिर्गी के दौरे से बच्चों के व्यवहार में बड़ा परिवर्तन होता है। कई बार वो ¨हसक हो जाते हैं या परिजनों को पहचानना बंद कर देते हैं। दवा बंद करें तो पागल होने का खतरा है। पोस्ट इस्टल साइकोसिस की वजह से बच्चा पहचानना बंद कर देता है।

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