UP ईओडब्ल्यू ने 2012 से फरार तीन करोड़ के गबन का आरोपित को दबोचा, बांदा जिले में छिपा था, बिजनौर पुलिस को सौंपा

2012 में बिजनौर में बांदा निवासी धर्मेंद्र के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप था कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय के भवन निर्माण में लगी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र की अगुवाई में काम हो रहा था। रकम वसूली करने के बाद धर्मेंद्र कार्य छोड़कर फरार हो गया।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 08:37 AM (IST)
UP ईओडब्ल्यू ने 2012 से फरार तीन करोड़ के गबन का आरोपित को दबोचा, बांदा जिले में छिपा था, बिजनौर पुलिस को सौंपा
ईओडब्ल्यू ने 2012 से फरार तीन करोड़ के गबन का आरोपित को दबोचा

मेरठ, जागरण संवाददाता। बिजनौर में 13 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों के भवन निर्माण हेतू आवंटित सरकारी धन लेकर काम छोड़कर प्रोजेक्ट मैनेजर फरार हो गया था। उस पर तीन करोड़ चार लाख के गबन का आरोप था। प्रकरण की विवेचना शासन स्तर से ईओडब्ल्यू को दी गई थी। ईओडब्ल्यू ने आरोपित प्रोजेक्ट मैनेजर को बांदा जनपद से गिरफ्तार कर लिया।

यह है मामला

ईओडब्ल्यू के एसपी स्वप्निल ममगई ने बताया कि 2012 में बिजनौर कोतवाली में बांदा के बजरंगपुर नगवारा निवासी धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ तीन करोड़ तीन लाख 91 हजार की गबन का मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप था कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के भवन निर्माण का टेंडर उप्र सहकारी निर्माण एवं विकास लिमिटेड इकाई बिजनौर को दिया गया था। संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र सिंह की अगुवाई में काम का संचालन हो रहा था। रकम वसूली करने के बाद धर्मेंद्र सिंह कार्य आधा अधूरा छोड़कर फरार हो गया था। उसके बाद धर्मेद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। शासन के आदेश पर मामले की विवेचना ईओडब्ल्यू को दी गई। ईओडब्ल्यू की विवेचना में धर्मेंद्र सिंह पर आरोप सही पाए। आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल करने के बाद ईओडब्ल्यू ने आरोपित धर्मेंद्र सिंह को बांदा में उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। वह 2012 से फरार चल रहा था। हालांकि इस मुकदमे की विवेचना ईओडब्ल्यू को 2014 में दी गई थी। यानी 11 साल बाद आरोपित धर्मेंद्र को ईओडब्ल्यू की गिरफ्तार कर बिजनौर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया है। वहां से आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। 

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