मेरठ आइआइए भवन पर उद्यमियों ने सांसद से की उद्योग विकास पर चर्चा, इन बिंदुओं का हुआ जिक्र

उद्योग और व्यापार करी तरक्की व समस्याओं के समाधान को लेकर शनिवार को मोहकमपुर स्थित आइआइए भवन में सांसद राजेंद्र अग्रवाल के साथ उद्यमियों ने चर्चा की। बैठक के दौरान आइआइए के पदाधिकारियों व उद्यमियों ने सांसद को मांग पत्र सौंपा।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 02:16 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 02:16 PM (IST)
मेरठ आइआइए भवन पर उद्यमियों ने सांसद से की उद्योग विकास पर चर्चा, इन बिंदुओं का हुआ जिक्र
आइआइए भवन पर उद्यमियों द्वारा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को भेट देते हुए।

जागरण संवाददाता, मेरठ। जिले के उद्योग और व्यापार करी तरक्की व समस्याओं के समाधान को लेकर शनिवार को मोहकमपुर स्थित आइआइए भवन में सांसद राजेंद्र अग्रवाल के साथ उद्यमियों ने चर्चा की। बैठक के दौरान आइआइए के पदाधिकारियों व उद्यमियों ने सांसद को मांग पत्र सौंपा।

आइआइए मेरठ चैप्टर की ओर से अध्यक्ष सुमनेश अग्रवाल ने सांसद से चर्चा के दौरान मांग पत्र दिया गया। इसमें मानचित्र स्वीकृति, जीएसटी, जल निकासी, प्रदूषण अनापत्ति प्रमाण पत्र, खेल सामग्री उद्योग, टीडीएस, सरकारी नीतियों की जटिलताओं समेत अन्य मुद्दों पर विचार हुआ। सांसद ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान आइआइए के नए डिविजनल चेयरमैन अनुराग अग्रवाल का स्वागत हुआ। बैठक के दौरान उद्यमी पंकज गुप्ता, आइआइए सचिव विभोर अग्रवाल, कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, गिरीश कुमार, पुनीत आनंद, गौरव जैन, अभिमन्यु खन्ना, एएन मल्होत्र आदि उद्यमी मौजूद रहे।

आइआइए ने मांग पत्र में इन बिंदुओं का किया जिक्र 30 वर्षो से अधिक समय से औद्योगिक विकास प्राधिकरण, एमडीए और न ही जिला उद्योग केंद्र द्वारा औद्योगिक क्षेत्र का विकास नहीं किया गया। मौजूदा समय में 40 लाख वर्ग मीटर से अधिक विकसित भूमि की उद्यमियों को आवश्यकता है। गगोल रोड कताई मिल व कोतवाल खाते में स्थित भूमि पर लघु उद्योग विकसित करने को हो प्रयास। उद्योगों के मानचित्र डीआइसी या यूपीएसआइडीसी द्वारा स्वीकृत होने पर हो विचार। विकास प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एप्रोच रोड को किया जाए विकसित। 12-18 मीटर चौड़ाई की बाध्यता हो खत्म। उद्योगों के लिए पृथक गृहकर औद्योगिक नीति बने। दिल्ली रोड स्थित स्पोर्ट्स कांप्लेक्स से लेकर डीएन पालिटेक्निक तक बने नाले पर भार बढ़ने से समानांतर नाले का हो निर्माण। उद्यम से जुड़ी सभी समस्याओं के समाधान के लिए उद्योग बंधु की बैठक में सभी विभागों की उपस्थिति अनिवार्य हो और जनप्रतिनिधि भी बैठक का हिस्सा बनें। पीएनजी अन्य ईंधन की तुलना में महंगी है। प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी मिले। 

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