लीजिए चूल्हे की रोटी और हांडी की दाल का लुत्फ

चूल्हे की रोटी और हांडी की दाल। साथ ही मट्ठा और साथ में लौकी की बर्फी या गोंद का लड्डू। इसके साथ ही जीरे के छोंक वाला रायता। आ गया ना मुंह में पानी। अब इंतजार की नहीं इसका स्वाद उठाने की बारी है। अम्हेडा गांव की महिलाएं चूल्हा-चौका समूह बनाकर ग्रामीण परिवेश की सौंधी खुशबू शहर में परोस रही हैं। यही नहीं फोन पर होम डिलीवरी की सुविधा भी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 10:00 AM (IST)
लीजिए चूल्हे की रोटी और हांडी की दाल का लुत्फ
लीजिए चूल्हे की रोटी और हांडी की दाल का लुत्फ

मेरठ, जेएनएन। चूल्हे की रोटी और हांडी की दाल। साथ ही मट्ठा और साथ में लौकी की बर्फी या गोंद का लड्डू। इसके साथ ही जीरे के छोंक वाला रायता। आ गया ना मुंह में पानी। अब इंतजार की नहीं इसका स्वाद उठाने की बारी है। अम्हेडा गांव की महिलाएं चूल्हा-चौका समूह बनाकर ग्रामीण परिवेश की सौंधी खुशबू शहर में परोस रही हैं। यही नहीं फोन पर होम डिलीवरी की सुविधा भी है। महिलाओं के इस प्रयास को लोगों का प्रोत्साहन भी मिल रहा है।

सहायता और आमदनी दोनों

गंगानगर क्षेत्र के अम्हेडा गांव में अतुल शर्मा ने चूल्हा-चौका नाम से महिलाओं की संस्था बनाई। इसमें निर्मला, पूजा, रत्ना, बबीता, बाला, उषा व पूजा जुड़ी हैं। अध्यक्ष अतुल शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में कुछ लोग परिवार से अलग या खाने की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्हें सादा और गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह शुरूआत की गई है। दोपहर दो बजे तक महिलाएं होम डिलीवरी पहुंचाती है। इसका मूल्य भी न्यूनतम रखा गया है।

मक्खन, मट्ठा और लौकी की बर्फी

अतुल शर्मा ने बताया कि खाने में पानी के हाथ की रोटी, हांडी में बनी दाल व एक सूखी सब्जी होती है। इसके साथ मक्खन, मट्ठा और मिठाई के तौर पर लौकी की बर्फी या गोंद के लड्डू भी दिया जाता है। सोशल मीडिया पर इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है। होम डिलीवरी के लिए अतुल शर्मा के मोबाइल नंबर 9411894235 पर संपर्क किया जा सकता है। घरों में अदा हुई ईद की नमाज

मेरठ : जिले में संपूर्ण लॉकडाउन के चलते सोमवार को ईद-उल-फितर की नमाज अकीदतमंदों ने घरों पर ही अदा की। जिसमें अल्लाह से मुल्क में अमनो-अमान के लिये दुआ मांगते हुए कोरोना से मुक्ति की इबादत की। मस्जिदों में मौलाना समेत गिनती के पांच लोगों द्वारा ही नमाज अदा की गई। वहीं, सामूहिक नमाज नहीं होने के कारण ईदगाहों पर सन्नाटा पसरा रहा। सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहार संपूर्ण लॉकडाउन के बीच पड़ा। अकीदतमंदों ने ईद की नमाज अपने-अपने घर पर ही अदा की। वहीं मस्जिदों में केवल मौलाना सहित नियत पांच लोगों ने ही नमाज अदा की गई। जामा मस्जिद में शहरकाजी मौलाना नफीस द्वारा नमाज अदा कराई गई। जिसमें अकीदतमंदों ने मुल्क में अमन-चैन व कोरोना महामारी से मुक्ति के लिये दुआ मांगी।

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