अंग्रेजी रचनाकारों ने भारतीय उपनिषदों में खोजा समाधान

चौ. चरण सिंह विवि के अंग्रेजी विभाग में मंगलवार को डिस्कोर्स आन लिटरेचर के अ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 05:18 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 05:18 AM (IST)
अंग्रेजी रचनाकारों ने भारतीय उपनिषदों में खोजा समाधान
अंग्रेजी रचनाकारों ने भारतीय उपनिषदों में खोजा समाधान

मेरठ,जेएनएन। चौ. चरण सिंह विवि के अंग्रेजी विभाग में मंगलवार को 'डिस्कोर्स आन लिटरेचर' के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित गुरुकुल कांगड़ी विवि, हरिद्वार के डीन प्रो. अंबुज कुमार शर्मा ने कहा कि अंग्रेजी का न्यू लिटरेचर अपने रचना शिल्प से साहित्य को नई दिशा देने के लिए जाना जाता है। गुजरात के पाटन से आए डा. तपस चक्रवर्ती ने टीएस इलियट की रचना 'वेस्ट लैंड' का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजी समाज जब सेक्स, चकाचौंध व भौतिकता के चंगुल में फंसा था, तब अंग्रेजी के अधिकतर रचनाकार गौतमबुद्ध व भारतीय उपनिषदों में समाधान तलाश रहे थे।

लखनऊ विवि के डा. शिव गोविंद पुरी ने कहा कि अंग्रेजी के न्यू लिटरेचर ने साहित्य सृजन में उपनिवेशवाद के संदर्भो एवं मुद्दों को उठाने व उन्हें साहित्य में प्रतिनिधित्व देने का जिम्मा बखूबी उठाया है। प्रो. विकास शर्मा ने कहा कि न्यू लिटरेचर ने कालोनलाइजेशन के संदर्भ में अपनी अस्मिता को प्रमुखता से दुनिया के सामने लाने में महती भूमिका निभाई है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. प्रतिभा त्यागी ने कहा कि साहित्य में उठाए गए समस्त प्रश्नों का उत्तर मिलना संभव नहीं है। आयोजन सचिव प्रो. रविंद्र कुमार ने अतिथियों का परिचय कराया।

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संकल्प: गांव खजूरी स्थित तिरुपति बालाजी कन्या महाविद्यालय में मंगलवार को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम अधिकारी डा. भावना शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में सुभारती मेडिकल कालेज से आए मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. नितिश कुमार, डा. राहुल बंसल व डा. फरहत खान ने जानकारी दी। छात्राओं को तनाव कम करने के उपाय बताए गए। शबीला, इकरा, पूजा, तनु, सोनिया, इंदू, अमित कुमार, कृष्णा देवी आदि का कार्यक्रम में सहयोग रहा।

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