कैमरों की निगरानी में इंजीनियरिग प्रवेश परीक्षा

कोविड महामारी के दौरान देशभर के इंजीनियरिग कालेजों की ओर से छात्रों को अ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:15 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:15 AM (IST)
कैमरों की निगरानी में इंजीनियरिग प्रवेश परीक्षा
कैमरों की निगरानी में इंजीनियरिग प्रवेश परीक्षा

मेरठ,जेएनएन। कोविड महामारी के दौरान देशभर के इंजीनियरिग कालेजों की ओर से छात्रों को आनलाइन प्रवेश परीक्षा में शामिल कराया जा रहा है। तकनीकी की मदद से परीक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए परीक्षार्थी को पूरे 360 डिग्री व्यू के साथ परीक्षा में शामिल करा रहे हैं। इतना ही नहीं, डेढ़ घंटे के आनलाइन प्रवेश परीक्षा में संबंधित शिक्षण संस्थान के शिक्षक हर मिनट अपनी नजर अभ्यर्थी पर बनाए रखते हैं। तकनीकी के दौर में जहां तमाम परीक्षाएं महामारी के कारण रद होती जा रही हैं, वहीं इंजीनियरिग कालेजों की पहल से शिक्षा और शिक्षण को नई दिशा दिखाने में सफलता हासिल कर ली है। होता है रिहर्सल, कमरे

में नहीं आ सकता कोई

इंजीनियरिग के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में कालेज गुणवत्ता को किसी भी परिस्थिति में कम नहीं होने देना चाह रहे हैं। इस बाबत छात्र को दो या तीन कैमरे की निगरानी में बिठाया जाता है। यदि दो तरफ दीवार हैं तो दो कैमरा लगवाते हैं। यदि एक ओर दीवार हो तो तीन कैमरे लगवाते हैं। एक कैमरा लैपटाप का सामने होता है। वहीं दूसरा कैमरा बाई या दाहिनी ओर अथवा दोनों ओर होता है। जिस कमरे में अभ्यर्थी को टेस्ट के लिए बिठाया जाता है वहां परिवार का कोई और सदस्य नहीं आ सकता। मूल टेस्ट के पहले एक रिहर्सल कराई जाती है। यह रिहर्सल भी टेस्ट के लिए निर्धारित समय की ही तरह होती है, जिसमें कालेज छात्रों तकनीकी और मानसिक रूप से टेस्ट के लिए तैयार करते हैं। जरा सी चूक और रद हो जाती है परीक्षा

कालेजों की ओर से आनलाइन प्रवेश परीक्षा के लिए अभ्यर्थी को सभी उपकरण पहले से तैयार रखने को कहा जाता है। इसमें लैपटाप के अलावा एक या दो मोबाइल फोन होना चाहिए। कमरे में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था। लैपटाप व मोबाइल की बैट्री पूरी चार्ज होनी चाहिए जिससे बीच में कैमरा कुछ सेकेंड के लिए भी बंद न हो। सभी उपकरणों का आडियो भी ठीक होना चाहिए। इंटरनेट की स्पीड 512 केबीपीएस से कम नहीं होनी चाहिए जिससे आनलाइन टेस्ट और टेस्ट देने की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिग भी ठीक से होती रहे। इनका कहना है..

-इंजीनियरिग कालेजों के टेस्ट का तरीका देख एक बार लगा कि अन्य परीक्षाएं भी ऐसे ही कराई जा सकती हैं। बेटे ने भी वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी इंजीनियरिग एंट्रेंस एग्जामिनेशन में हिस्सा लिया और कालेज के स्टाफ हर मिनट सभी कैमरों की फीड पर नजर बनाए हुए थे। इसी तरह अन्य छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि जो एग्जाम वह जाकर नहीं दे पाते उसे घर से ही दे सके।

-सुधांशु शेखर, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई

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