इंजीनियर ने रेन वाटर हार्वेस्टिग थीम पार्क का डिजाइन एमडीए को सौंपा
वर्षा जल संरक्षण कैसे करते हैं। संरक्षण किस-किस तरीके से किया जा सकता है।
मेरठ,जेएनएन। वर्षा जल संरक्षण कैसे करते हैं। संरक्षण किस-किस तरीके से किया जा सकता है। इसके क्या फायदे हैं। हार्वेस्टिग यूनिट कैसे बनाते हैं और कितना खर्च आ जाता है। इन सब बातों को समझाने के लिए एमडीए रेन वाटर हार्वेस्टिग थीम पार्क बनाने जा रहा है। रेन वाटर हार्वेस्टिग यूनिट बनाने के जानकार एक इंजीनियर से इसका डिजाइन तैयार कराया गया है। इंजीनियर ने एमडीए को डिजाइन सौंप दिया है। अब एमडीए का अभियंत्रण अनुभाग अपने स्तर से उसमें संशोधन करने के बाद वीसी के समक्ष पूरा प्रस्ताव रखेगा।
यह थीम पार्क लोहियानगर के सिद्धार्थ एनक्लेव पाकेट-ए में स्थित एक पुराने पार्क में बनाया जाएगा। थीम पार्क करीब 7.50 हजार वर्ग मीटर जगह में बनाया जाएगा।
दो साल में नौ हार्वेस्टिग यूनिट नहीं बना पाया एमडीए
2017 में एमडीए को 20 रेन वाटर हार्वेस्टिग यूनिट बनाने का लक्ष्य तत्कालीन मंडलायुक्त ने दिया था। इसके लिए करीब 30 लाख रुपये भी संरक्षित किए गए थे। इस लक्ष्य के तहत उसी साल 10 यूनिट बनाए गए थे। दो साल पहले जिमखाना मैदान में भी एक यूनिट स्थापित कराया गया। उसके बाद बाकी नौ यूनिट बनाने के लिए टेंडर निकाला जा रहा है और हर बार टेंडर निरस्त हो रहा है। कभी टेंडर नहीं पड़ते तो कभी एमडीए के नियम आड़े आ जाते हैं। करीब पांच बार टेंडर हो चुके हैं। वर्षा ऋतु भी बीत गई लेकिन एमडीए के नौ यूनिट स्थापित नहीं हो सके।
100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की होगी सफाई: गंगनहर बंद होने के बाद अब भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहर की गंगाजल आपूर्ति बंद है। इस दौरान वाटर ट्रीटमेंट की सफाई कराई जाएगी। इस संबंध में जलनिगम नागर इकाई के परियोजना प्रबंधक रमेश चंद्रा ने बताया कि चार नवंबर से पहले सफाई कराने के निर्देश ठेका कंपनी को दे दिए गए हैं। सोमवार से सफाई शुरू हो जाएगी। इस दौरान प्लांट में जमी सिल्ट निकाली जाएगी। जरूरत के हिसाब से मरम्मत का काम भी कराया जाएगा।