शर्मनाक : शामली में महिला की ब्रेन हेमरेज से मौत, कचरे की तरह कूड़ा गाड़ी में रखकर ले गए श्मशान
झकझोरने वाला दृश्य शामली के जलालाबाद में दिखा। एक महिला की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। इसके बावजूद उसे चार कंधे नसीब नहीं हुए। दर्दनाक पहलू यह रहा कि महिला के शव को कचरे की तरह नगर पंचायत की कूड़ा गाड़ी में श्मशान घाट ले जाया गया।
शामली, जेएनएन। कोरोना का कहर अभी और क्या-क्या दिखाएगा कोई नहीं जानता। रोज ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि कलेजा कांप उठता है। आलम यह है कि मौत के बाद चार कंधे भी नसीब नहीं हो रहे। शव यहां वहां घसीटे जा रहे हैं और अंतिम संस्कार तक दूसरे कर रहे हैं। कोरोना का ही खौफ है कि अन्य बीमारियों से मौत पर भी लोग पास आने से कतराने लगे हैं। कुछ ऐसा ही झकझोरने वाला दृश्य दिखा शामली के जलालाबाद में। यहां एक महिला की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। इसके बावजूद उसे चार कंधे नसीब नहीं हुए। दर्दनाक पहलू यह रहा कि महिला के शव को कचरे की तरह नगर पंचायत की कूड़ा गाड़ी में अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया।
जलालाबाद कस्बे के मेन बाजार में चिकित्सक प्रवास सरकार का क्लीनिक है। वह मूल रूप से बंगाल के रहने वाले हैं। क्लीनिक के निकट ही किराये के मकान में रहते हैं। कुछ दिन पूर्व प्रवास बंगाल गए थे। वहां पर उनकी बहन को ब्रेन हेमरेज हुआ था और घर पर ही इलाज चल रहा था। वह बहन को जलालाबाद ले आए। रविवार रात उनकी बहन का निधन हो गया। अंतिम संस्कार की तैयारी हुई लेकिन कोरोना के खौफ के अर्थी को कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं पहुंचे। इस पर चिकित्सक ने नगर पंचायत में प्रार्थना पत्र देते हुए शव श्मशानघाट तक पहुंचाने की गुहार लगाई। अमानवीयता की हदें पार करते हुए नगर पंचायत ने शवके लिए कूड़ा गाड़ी भेज दी। जिसमें शव को कचरे की तरह डालकर अंत्येष्टि स्थल तक ले जाया गया।
इनकी सुनिये : जिम्मेदार अधिकारी किस तरह की जिम्मेदारी निभा रहे हैँ इस बयान से ही समझा जा सकता है। जब इस बारे में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी विजय आनंद से बात की गई तो उन्होंने पहले तो मामले से ही अनभिज्ञता जता दी। बाद में बोले कि हो सकता है वायरल हो रहा यह प्रकरण कहीं और का हो।