खेत में पैदा होगी बिजली, किसान करेंगे कमाई
अक्षय ऊर्जा उत्पादन को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है। ऐसे में पूरा जोर सोलर ऊर्जा उत्पादन पर है। अब योजना को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम स्कीम शुरू की है।
मेरठ, जेएनएन। अक्षय ऊर्जा उत्पादन को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है। ऐसे में पूरा जोर सोलर ऊर्जा उत्पादन पर है। अब योजना को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम स्कीम शुरू की है। योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर एक से दो मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगा सकेगा। इसके लिए जनपद में 32 फीडर चयनित किए हैं।
उप्र नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपी नेडा) द्वारा किसानों की जमीन पर कृषि विद्युत फीडर को सौर ऊर्जीकरण करने की योजना शुरू की है। योजना के तहत किसानों की सहमति से जमीन को खरीदकर या 30 सालों के लिए लीज पर लेकर एक से दो मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा किसान खुद भी अपनी जमीन पर प्लांट लगाकर विद्युत उत्पादन कर सकेगा। इसके लिए जनपद के 32 कृषि विद्युत फीडर का चयन किया गया है।
चार एकड़ में लगेगा एक मेगावाट क्षमता का प्लांट
एक मेगावाट का प्लांट चार एकड़ और दो मेगावाट प्लांट आठ एकड़ भूमि में लगेगा। कई किसान समूह भी मिलकर भी जमीन पर प्लांट लगाकर उसका संचालन कर सकते हैं। अगर किसान खुद पावर प्लांट नहीं लगाते तो अपनी जमीन अन्य कंपनी को किराये पर दे सकते हैं।
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40 लाख रुपये साल की आमदनी
एक मेगावाट क्षमता के प्लांट से सालाना में 15 लाख यूनिट तक बिजली का उत्पादन होगा। जिससे करीब 40 लाख रुपये प्रति वर्ष की आमदनी होगी। करीब 4.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिसमें 1.05 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
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इन्होंने कहा
प्रधानमंत्री कुसुम स्कीम के तहत किसान अपने खेतों में सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं। स्कीम के लिए जनपद 32 कृषि पावर फीडर का चयन किया गया है। इससे किसानों को खूब लाभ होगा।
- जावेद अहमद, यूपी नेडा के परियोजना अधिकारी