मासूम बच्चियों से बुजुर्ग ने की गंदी बात, मुकदमा

घर के बाहर खेल रहीं दो बहनों को कालोनी निवासी बुजुर्ग बहला-फुसलाकर अपने घर में ले गया। उनके साथ गंदी बात की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 10:55 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:55 AM (IST)
मासूम बच्चियों से बुजुर्ग ने की गंदी बात, मुकदमा
मासूम बच्चियों से बुजुर्ग ने की गंदी बात, मुकदमा

मेरठ, जेएनएन। घर के बाहर खेल रहीं दो बहनों को कालोनी निवासी बुजुर्ग बहला-फुसलाकर अपने घर में ले गया। उनके साथ गंदी बात की। घर जाकर बच्चों ने मामले की जानकारी दी। स्वजन की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपित फरार है। टीपीनगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर बाद दो मासूम बहनें (सात और आठ साल की) घर के बाहर खेल रही थीं। तभी कालोनी निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग आया और बच्चियों को अपने घर में ले गया। उनके साथ अश्लील हरकत की। करीब आधा घंटे बाद जब बच्चियां अपने घर पहुंची तो उन्होंने स्वजन को जानकारी दी। गुस्साए लोगों ने घर में तोड़फोड़ का भी प्रयास किया, लेकिन कालोनी के लोगों ने समझा-बुझाकर शांत कर दिया था। हालांकि आरोपित घर में नहीं था। थाना पुलिस भी पहुंच गई थी। थाना प्रभारी विजय गुप्ता ने बताया कि आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना था कि आरोपित पहले भी एक बच्चे के साथ गलत हरकत कर चुका था। विरोध होने पर आरोपित ने माफी मांग ली थी।

बिना जांच टर्फ बिठाने पर सीएम से शिकायत

कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में बन रहे हाकी एस्ट्रोटर्फ के लिए मंगाए गए टर्फ को बिना जांच के बिछाए जाने के खिलाफ मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई है। यह शिकायत जिला एथलेटिक संघ के सचिव अनु कुमार ने की है। उनका कहना है कि टर्फ की औसत समय-सीमा पांच से सात वर्ष होती है। ऐसे में टर्फ जनवरी 2019 में ही मंगा कर स्टेडियम के ग्राउंड पर रखा गया था जिसमें दो साल बारिश, सर्दी और धूप झेला है। ऐसे में बिना उसकी गुणवत्ता की जांच किए टर्फ बिछाने से वह जल्दी ही खराब हो सकता है। करोड़ो रुपये के प्रोजेक्ट का काम खराब न हो इसलिए बनने से पहले ही गुणवत्ता की जांच करने की मांग की गई है। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर ने बताया कि शासन के आदेश पर तीन सदस्यीय समिति बनी है जिसमें एडीएम सिटी, आरएसओ और पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन हैं। इस समिति को हर महीने कार्य प्रगति की रिपोर्ट भेजनी होती है जो भेजी भी जा रही है। अब टर्फ की गुणवत्ता की जांच परखने के लिए विशेषज्ञों को दिखाने के लिए निर्माण एजेंसी को भी कहा गया है जिससे सही गुणवत्ता वाला एस्ट्रोटर्फ बनाया जा सके। गुणवत्ता में कमी के लिए निर्माण एजेंसी जिम्मेदार होगी।

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