बजट में शिक्षा क्षेत्र को मिले प्राथमिकता
एक फरवरी को बजट आने वाला है। कोविड के बाद आ रहे इस बजट पर हर क्षेत्र की उम्मीद लगी हुई है।
मेरठ, जेएनएन। एक फरवरी को बजट आने वाला है। कोविड के बाद आ रहे इस बजट पर हर क्षेत्र की उम्मीद लगी हुई है। पूरे साल से आनलाइन शिक्षा से जुड़े छात्र-छात्राएं भी बजट की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। छात्र- छात्राएं बजट में शिक्षा क्षेत्र को पूरी तरह से प्राथमिकता दिए जाने की भी मांग की है। ताकि कोविड के प्रभाव को सामान्य किया जा सके।
डिजिटल लर्निंग के लिए अवसर बढ़े
आनलाइन शिक्षा से वंचित छात्रों को डिजिटल लर्निंग के लिए उपकरण और अवसर दिए जाएं। आइटी सेक्टर के छात्रों और पेशेवरों ने कोविड के समय सराहनीय काम किया है। इस सेक्टर को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। जिससे इस क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा मिले। स्कूलों से ड्राप आउट को कम करने के लिए भी प्रयास होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो रही है। इसके लिए जरूरी संसाधन को लेकर भी बजट में प्रावधान हो तो अच्छा रहेगा।
मानवी शर्मा, छात्रा, बीबीइ एजुकेशन लोन ब्याजमुक्त हो
बहुत से छात्र फीस के अभाव में अच्छे जगह प्रवेश नहीं पा रहे हैं। बजट में एजुकेशन लोन को ब्याजमुक्त किया जाना चाहिए। जिससे गरीब छात्र पढ़ सकें और उस लोन को आसानी से चुका सकें। युवाओं को रोजगार के लिए भी आर्थिक पैकेज की व्यवस्था की जानी चाहिए।
तेज बहादुर, छात्र कालेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट हुई है। सामान्य छात्र सामान्य कालेज में पढ़ने को विवश हैं, वित्तीय समस्या की वजह से वह प्राइवेट कोचिग भी नहीं कर पाते हैं। प्रतियोगिता में इससे वह सफल नहीं हो पाते हैं। बजट में प्रतियोगी छात्रों के लिए निश्शुल्क कोचिग होनी चाहिए। एजुकेशन लोन पर किसी तरह का ब्याज नहीं होनी चाहिए।
शान मोहम्मद, छात्र, एमए हिदी नई शिक्षा नीति लागू हो गई है। इसमें सेल्फ फाइनेंस कोर्स को बढ़ावा दिया गया है। बजट में ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि गांव और जरूरतमंद छात्र फीस की वजह से पढ़ाई से वंचित न हो सकें। शिक्षा ग्रहण करने के बाद युवाओं के लिए रोजगार गारंटी का भी प्रावधान होना चाहिए।
गगन सोम, छात्र, एमपीएड