तय होगी खाद्य तेल स्टाक की सीमा, थोक विक्रेता पोर्टल पर दर्ज करेंगे रिकार्ड
सरसों और अन्य खाद्य तेलों की बढ़ती कीमत को थामने के लिए सरकार ने एक उपाय पर विचार किया है। इस उपाय को सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके तहत खाद्य तेल का स्टाक कहीं भी रखने की सीमा तय होगी। जो भी थोक विक्रेता होंगे उनका पंजीकरण होगा।
मेरठ, जेएनएन। सरसों और अन्य खाद्य तेलों की बढ़ती कीमत को थामने के लिए सरकार ने एक उपाय पर विचार किया है। इस उपाय को सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके तहत खाद्य तेल का स्टाक कहीं भी रखने की सीमा तय होगी। जो भी थोक विक्रेता होंगे उनका पंजीकरण होगा। और उन्हें खाद्य विभाग के पोर्टल पर नियमित रूप से अपने यहां उपलब्ध स्टाक का विवरण भरना होगा। इसको लेकर प्रमुख सचिव खाद्य रीना कुमारी ने वीडियो कांफ्रेंसिग की। इसमें मेरठ से अपर जिलाधिकारी प्रशासन, जिलापूर्ति अधिकारी राघवेंद्र सिंह, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, उप विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी किशोर कुमार आदि शामिल हुए। अधिकारियों को प्रमुख सचिव ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर इससे संबंधित गाइडलाइन आ जाएगी। थोक विक्रेताओं का विवरण लेना शुरू कर दें। ताकि गाइडलाइन आते ही पंजीकरण का कार्य पूरा हो सके।
स्टाक को माना जा रहा कीमत बढ़ने का कारण
गौरतलब है कि सरसों व अन्य खाद्य तेलों की कीमत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। माना जा रहा है कि खाद्य तेलों का स्टाक लोग रोक लेते हैं, जिससे मांग बढ़ती है और उसी अनुसार कीमत भी बढ़ जाती है। कीमत बढ़ते ही स्टाक को बाजार में उतार दिया जाता है। इससे जमाखोरों को काफी लाभ होता है। जमाखोरी की मिलीभगत में बड़ा नेटवर्क काम करता है। शासन को उम्मीद है कि स्टाक की सीमा निश्चित करने व नियमित रूप से थोक विक्रेताओं की खरीद व बिक्री के रिकार्ड पर नजर रखने से बढ़ती कीमत पर विराम लगेगा।
- - - - - - - - -