ईसीआइ की वेबसाइट में घुसपैठ: ईसीआइ की वेबसाइट से छेड़छाड़ करने वाले सात आरोपितों की जमानत निरस्त

ईसीआइ की वेबसाइट में घुसपैठ कर गलत तरीके से मतदाता पहचान पत्र बनाने वाले सात आरोपितों की जिला जज अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने जमानत निरस्त कर दी है। मुख्य चुनाव अधिकारी की सूचना पर पकड़े गए थे। माच्छरहेड़ी गांव निवासी युवक ने बताए थे पुलिस को 10 नाम।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:30 AM (IST)
ईसीआइ की वेबसाइट में घुसपैठ: ईसीआइ की वेबसाइट से छेड़छाड़ करने वाले सात आरोपितों की जमानत निरस्त
ईसीआइ की वेबसाइट से छेड़छाड़ करने वालों की जमानत निरस्त।

सहारनपुर, जेएनएन। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआइ) की वेबसाइट में घुसपैठ कर गलत तरीके से मतदाता पहचान पत्र बनाने वाले सात आरोपितों की जिला जज अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने जमानत निरस्त कर दी है। इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें से सात ने जमानत के लिए प्रार्थना पत्र लगाया था।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव गुप्ता ने बताया कि अगस्त 2021 में मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने सहारनपुर पुलिस को एक पत्र भेजकर सूचना दी थी कि सहारनपुर में ईसीआइ के ओटीपी हासिल कर गलत तरीके से पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। सहारनपुर के तत्कालीन एसएसपी डा. एस चन्नपा ने एक टीम बनाई और 11 अगस्त 2021 को नकुड़ थानाक्षेत्र के माच्छरहेड़ी गांव निवासी विपुल सैनी को गिरफ्तार किया। विपुल सैनी के मोबाइल पर ही ओटीपी आता था। विपुल से पूछताछ के बाद 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था। जिला जज अश्वनी कुमार त्रिपाठी की अदालत में आशीष जैन, आदित्य खत्री, नितिन निवासीगण दिल्ली, संजीव मेहता, दीपक मेहता निवासीगण राजस्थान, हरिशंकर त्रिपाठी निवासी मेरठ ने जमानत प्रार्थना पत्र लगाया था।

विपुल सैनी के खाते में मिले थे 60 लाख

इस प्रकरण में साइबर सेल थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था। साइबर सेल ने जांच की तो विपुल सैनी के खाते में 60 लाख रुपये मिले थे। शासन के आदेश पर यह जांच एसटीएफ नोएडा कर रही है।

10 हजार वोटर कार्ड बना चुके थे आरोपित

साइबर सेल थाना पुलिस की जांच में सामने आया था कि मुख्य अभियुक्त अरमान मलिक था, जो मध्य प्रदेश का रहने वाला था और दिल्ली में रहता था। अरमान मलिक ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वह लोग 10 हजार से अधिक वोटर कार्ड बना चुके हैं। आरोपित सौ रुपये से लेकर दो सौ रुपये में गलत तरीके से पहचान पत्र बनाते थे।

chat bot
आपका साथी