मेरठ : कोरोना की सावधानियांं आईं काम, लंग्स के मरीज घटे और सांस का अटैक भी कम पड़ा

बीते कई माह से बरती गई सावधानियों के नतीजे सामने आ रहे हैं। मेरठ में अस्थमा और ब्रांकाइटिस के मरीजों को सांस का अटैक कम पड़ा। उधर धूल व एलर्जेन से होने वाले अटैक में बड़ी कमी देखी गई। मास्क को बड़ी वजह बताया जा रहा है।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 11:30 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 11:30 AM (IST)
मेरठ : कोरोना की सावधानियांं आईं काम, लंग्स के मरीज घटे और सांस का अटैक भी कम पड़ा
इस वर्ष हवा में पीएम2.5 एवं पीएम10 की मात्रा पिछले सालों की तुलना में कम रही।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना के बचने के लिए आपने एहतियात बरता, और सांस की बीमारियों एवं एलर्जी से भी बचाव मिला। मेडिकल कालेज एवं जिला अस्पताल की रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल की तुलना में इस बार सांस के मरीज 40 फीसद कम मिले। अस्थमा व ब्रांकाइटिस के मरीजों को सांस का अटैक कम पड़ा। उधर, धूल व एलर्जेन से होने वाले अटैक में बड़ी कमी देखी गई। मास्क को बड़ी वजह बताया जा रहा है।

मेडिकल कालेज के सांस रोग विशेषज्ञ डा. संतोष मित्तल ने बताया कि इस वर्ष हवा में पीएम2.5 एवं पीएम10 की मात्रा पिछले सालों की तुलना में कम रही, साथ ही उतना लंबे समय तक नहीं हुई। हवा में सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन डाई आक्साइड और अन्य गैसों का घनत्व कम मिलने से फेफड़ाें की ताकत बढ़ी। इसी बीच, कोरोना की वजह से लोगों ने मास्क लगाने एवं एक दूसरे से तीन फुट दूर रहने पर अमल किया। इसका असर ये हुआ कि धूल की एलर्जी, सांस की नलिकाओं में सूजन व फेफड़ों में सूजन में कमी आई।

साइनोसाइटिस के मरीज भी कम रहे। सांस रोग विशेषज्ञ डा. वीएन त्यागी ने बताया कि मास्क लगातार पहनने से कई फायदे हुए। खांसने एवं सांस लेने से फैलने वाली बीमारियां जैसे टीबी, इंन्फ्लुएंजा व स्वाइन फ्लू से बचाव मिला, बल्कि सेकंडरी इंफेक्शन में भारी कमी आई। इससे निमोनिया के मरीज भी उतने नहीं आए, जितने हर साल आते थे। डा. त्यागी ने बताया कि महामारी में प्राकतिक रूप से दूसरी बीमारियां कमजोर पड़ जाती हैं।

मास्क लगाने के साथ ही लोगों ने नियमित रूप से हाथ साफ करना शुरू किया। इससे न सिर्फ डायरिया और पीलिया से बचाव मिला, बल्कि सांस की कई बीमारियां भी कम हुईं। भीड़ से बचने की वजह से टीबी की बीमारियां कम हो गईं। छींक से फैलने वाली दूसरी बीमारियों से मास्क ने बचाया। लंग्स को स्वस्थ रखने के लिए लोगें ने घर पर प्राणायाम किया।

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