वेस्ट यूपी और एनसीआर में फैला है तस्लीम के नशे का धंधा, 20 साल में उसके तहखाने तक नहीं पहुंच पाई पुलिस
नशे के सौदागर तस्लीम का वेस्ट यूपी में ही नहीं बल्कि एनसीआर में बड़ा नेटवर्क है।पुलिस में गहरी जड़े होने की वजह से तस्लीम को पकड़ना मुमकिन नहीं। 20 साल में उसके तहखाने तक नहीं पहुंच पाई पुलिस।
मेरठ, जेएनएन। वांछित चल रहे नशे के सौदागर तस्लीम का वेस्ट यूपी में ही नहीं, बल्कि एनसीआर में बड़ा नेटवर्क है। बीस साल में वह सिर्फ दो बार जेल गया है। कुर्की की कार्रवाई के दौरान पुलिस उसके तहखाने तक नहीं पहुंच पाई। उसकी गिरफ्तारी न होने पर पुलिस अब कह रही है कि पुराने मुकदमों में उसे जमानत दिलवाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
भूसा मंडी मछेरान मोहल्ला निवासी तस्लीम ने घर के अंदर तहखाना बना रखा हैं, जहां ट्रकों में आकर माल उतरता है। इसके बाद वह शहर और दूसरे जिलों में चरस, गांजा व स्मैक की सप्लाई करता है, जिसमें उसके गुर्गे साथ देते हैं। वह भांग के ठेकों पर भी चरस और गांजा सप्लाई करता है। मवाना, सरधना और किठौर में भी गांजे की अधिक मात्रा में सप्लाई होती है। शहर की पाश कालोनी में वह आनलाइन आर्डर पर चरस और गांजा भेजता है। पुलिस जब भी उसे पकडऩे के लिए दबिश देती है तो घर की महिलाएं पथराव कर देती हैं।
टैंकरों में छिपाकर लाते हैं गांजा
एसटीएफ ने कई बार मेरठ से बड़े पैमाने पर गांजा पकड़ा है, जो कभी एंबुलेंस में, कभी गेहूं की बोरियों में या फिर दूध के टैंकरों में छिपाकर लाया जाता है। ओडिशा से सप्लायर गेहूं व आटे की बोरी में भेजते हैं, ताकि पुलिस को शक न हो।
हर माह मेरठ में दो हजार किलो की खपत
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक करीब दो हजार किलो गांजा मेरठ जिले में खपाया जाता है। आसपास के जनपदों की खपत अलग है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा में करीब पांच हजार रुपये किलो मिलने वाला गांजा यहां आकर 20 हजार रुपये किलो में बिकता है। सीओ एसटीएफ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि वोल्वो बसों से लेकर दूध के टैंकर और आटे की बोरियों में गांजा मेरठ में आता है। सबसे बड़ी सप्लाई तस्लीम की है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि इस नेटवर्क को तोडऩे के लिए पुलिस टीम बनाकर काम करेगी।
एमडीए को भेजी तहखाने की रिपोर्ट
रेलवे रोड पुलिस ने तस्लीम के घर में बने तहखाने की रिपोर्ट एमडीए को भेजी है। बिना अनुमति के तहखाना घर के अंदर कैसे बना। पुलिस का मानना है कि तहखाने की जांच रिपोर्ट आने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।