गंगा नदी का महत्वपूर्ण अंग है डाल्फिन: शाहनवाज

विश्व प्रकृति निधि वन्य जीव संस्थान एवं वन विभाग द्वारा गंगा नदी में की जा रही डाल्फिन गणना की टीम रविवार को सिरजेपुर गांव के पास से सर्वेक्षण के लिए रवाना हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 10:35 PM (IST)
गंगा नदी का महत्वपूर्ण अंग है डाल्फिन: शाहनवाज
गंगा नदी का महत्वपूर्ण अंग है डाल्फिन: शाहनवाज

मेरठ, जेएनएन। विश्व प्रकृति निधि, वन्य जीव संस्थान एवं वन विभाग द्वारा गंगा नदी में की जा रही डाल्फिन गणना की टीम रविवार को सिरजेपुर गांव के पास से सर्वेक्षण के लिए रवाना हुई। उन्होंने ग्रामीणों को पर्यावरण के इस प्रहरी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। सभी से डाल्फिन समेत अन्य जलीय जीवों के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक सहयोग की अपेक्षा की।

गंगा में डाल्फिन गणना की सर्वेक्षण टीम रविवार सुबह सिरजेपुर गंगा घाट से आगे के लिए रवाना हुई। सर्वेक्षण टीम का नेतृत्व कर रहे विश्व प्रकृति निधि के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी शाहनवाज खान ने ग्रामीणों को डाल्फिन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी नदी को स्वच्छ निर्मल रखने के लिए उसमें जलीय जीवों की अत्यंत आवश्यकता है। इसका महत्वपूर्ण अंग डाल्फिन भी है। उन्होंने बताया कि जिस नदी में डाल्फिन पाई जाती है, उस पानी को स्वस्थ माना जाता है। उन्होंने गंगा किनारे खेती करने वाले किसानों से कहा कि वे फसलों में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न कर जैविक खेती अपनाएं। इससे जलीय जीवों के संरक्षण में काफी सहयोग मिलेगा। क्योंकि मखदूमपुर गंगा घाट पर ही घडि़याल व कछुआ संरक्षण परियोजना भी चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि रविवार को टीम ने सिरजेपुर से कुंडा गांव तक सर्वे किया। इसमें बिजनौर बैराज से कुंडा तक लगभग 65 किमी की दूरी तय की गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक बिजनौर से नरौरा बैराज तक का क्षेत्र जलीय जीवों के लिए उत्तम वास स्थल है।

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