आम के पेड़ को कीटों से बचाने और रोग मुक्त बनाने के लिए यह करें उपाय
मेरठ में आम की अच्छी पैदावार होती है। आम की बागवानी करने वाले किसानों को इस समय सावधानी बरतने की जरूरत है। आम के बौर खिल गए हैं। कीटों और बीमारियों से बचाव की जरूरत है। आइए जानते हैं कैसे इससे बचाव कर सकते हैं।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में आम की अच्छी पैदावार होती है। आम की बागवानी करने वाले किसानों को इस समय सावधानी बरतने की जरूरत है। आम के बौर खिल गए हैं। कीटों और बीमारियों से बचाव की जरूरत है। तापमान बढ़ने के साथ आदृता भी बढ़ी हुई है। भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. पुष्पेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अगर फूल काले और भूरे रंग के हो रहे हों तो दवा का छिड़काव करना चाहिए। मैकोजेब और वैविस्टीन 2.5 प्रतिशत अर्थात 2.5 ग्राम दवा प्रति लीटर घोल पानी में तैयार कर छिड़काव करना चाहिए।
डा. पुष्पेंद्र ने बताया कि अगर भुनगा कीट की समस्या हो तो उक्त दवा तीन मिली दवा 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। किसानों को छिड़काव करते समय कीटनाशक और फफूंदी नाशक के साथ तरल साबुन या डिटर्जेंट पाउडर का भी प्रयोग करना चाहिए। इससे उपचार प्रभावी हो जाता है।
आम के पेड़ में मुम्मा रोग भी ऐसे समय में देखा जाता है। रोग युक्त गुच्छे को पेड़ से निकाल देना चाहिए। नेप्थालिन एसिटिक एसिड 200 पीपीएम अर्थात 900 मिली प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इसके उपचार के लिए चार मिली प्लैनोफिक्स प्रति नौ लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करने से पेड़ रोग मुक्त होता है।