बच्चों से बचपन न छीनें, बाल श्रम न कराएं

चाइल्ड लाइन ने गेसुपुर व मोहिउद्दीनपुर रेलवे स्टेशन पर लोगों को जागरूक करने

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 03:15 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 03:15 AM (IST)
बच्चों से बचपन न छीनें, बाल श्रम न कराएं
बच्चों से बचपन न छीनें, बाल श्रम न कराएं

मेरठ,जेएनएन। चाइल्ड लाइन ने गेसुपुर व मोहिउद्दीनपुर रेलवे स्टेशन पर लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया। लोगों को समझाया गया कि बाल श्रम कराना अपराध है। ऐसा करने और कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी।

अंतराष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के अवसर पर जनहित फाउंडेशन और चाइल्ड लाइन ने गांव गेसुपुर और मोहिउद्दीनपुर रेलवे स्टेशन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। चाइल्डलाइन की निर्देशिका व बाल कल्याण समिति की सदस्य अनिता राणा ने बताया कि बाल श्रम उन्मूलन दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज को बाल श्रम के प्रति जागरूक करना है। हमारे आस पास बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ने-लिखने की आयु में श्रम करने को मजबूर हैं। साथ ही कई ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें जबरदस्ती काम पर लगाया जा रहा है। सरकार द्वारा ऐसे बालकों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस दौरान लोगों को समझाया गया कि बच्चों का बचपन ने छीनें। बाल श्रम कराने वालों पर कार्रवाई के लिए चाइल्ड लाइन 1098 पर फोन कर सूचना दें।

मजदूरी का बाल मन पर होता है बुरा असर : पर्यावरण एवं स्वच्छता क्लब की ओर से शनिवार को बाल श्रम निषेध दिवस पर बाल श्रम हटाओ, बचपन बचाओ विषय पर आनलाइन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजित किया गया। क्लब निदेशक आयुष गोयल और पीयूष गोयल ने बताया कि बाल श्रम गैरकानूनी है। कानून के मुताबिक 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मजदूरी करवाने पर दो साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना है। वहीं, जिला प्रोबेशन अधिकारी शत्रुघ्न कनौजिया ने बताया कि बाल मजदूरों का शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण किया जाता है, जिसका बाल मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस कारण छोटे-छोटे बच्चे अपराधी बन जाते हैं। बाल मजदूरी खत्म करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। कार्यक्रम के अंत में आइआइए के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने भी बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया।

नन्हे हाथों का हक था कलम : प्रतिभा विकास मंच की ओर से शनिवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर आनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक सुरेखा जैन ने अपने लेख के माध्यम से बाल श्रमिकों से घर, दुकानों और कारखानों में काम न करवाने की अपील की। डा. छाया शर्मा ने बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए उन्हें शिक्षित कर बेहतर जीवन निर्माण का अवसर देने पर जोर दिया। सुनीता जैन ने आíथक तंगी को इसका मूल कारण बताया। पारुल जैन ने 'चंदा का झूला' लोरी के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। सुमन जैन ने 'जिन नन्हे हाथों का हक था कलम' कविता लिखी। इस दौरान विनी अग्रवाल, मीनू गुप्ता रुचि और अर्चना भी उपस्थित रहीं।

बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया : शांति निकेतन विद्यापीठ में आनलाइन माध्यम से बच्चों ने बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया। बच्चों ने पेंटिग, स्लोगन, वीडियो व फोटो के माध्यम से बताया कि बाल श्रम पर रोक लगनी चाहिए। वैभव, विभांश, स्पर्श, आकमजीत कौर, अरिजय व ईशान आदि बच्चों ने भाग लिया। विद्यालय के निदेशक डा. विशाल जैन व प्रधानाचार्य विभा गुप्ता ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कामना की।

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