डीएम ने बदली कलक्ट्रेट के 22 लिपिकों की सीट

शासन के आदेश पर तीन साल से ज्यादा समय से एक सीट पर तैनात लिपिकों का जिलाधिकारी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 07:15 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:15 AM (IST)
डीएम ने बदली कलक्ट्रेट के 22 लिपिकों की सीट
डीएम ने बदली कलक्ट्रेट के 22 लिपिकों की सीट

मेरठ,जेएनएन। शासन के आदेश पर तीन साल से ज्यादा समय से एक सीट पर तैनात लिपिकों का जिलाधिकारी ने तबादला कर दिया है। बुधवार देर शाम जारी इस तबादला सूची में 22 कर्मचारियों के नाम हैं।

कलक्ट्रेट और तीनों तहसील में कई लिपिक और कर्मचारी लंबे समय से एक ही सीट पर तैनात हैं। हाल ही में राजस्व परिषद अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को आदेश दिया था कि तीन साल से अधिक समय से एक पद पर तैनात लिपिकों का तबादला कर दिया जाए। जिलाधिकारी ने कलक्ट्रेट के कर्मचारियों की तबादला सूची बुधवार को जारी कर दी। उनके निर्देश पर एडीएम प्रशासन सत्य प्रकाश सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। इससे कलक्ट्रेट में खलबली मची है।

तबादला हुआ, क्या संबद्धता भी खत्म होगी

तबादला आदेश के बाद इन्हें लेकर कलक्ट्रेट में चर्चाएं भी चरम पर हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि कई कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी तैनाती तो किसी और पद पर है और उन्हें संबद्ध दूसरे कार्यालय में किया गया है। आरोप है कि कई कर्मचारी ऐसे पदों पर 10 से 15 साल से तैनात हैं। हर बार पत्रावली में उनका पद बदल जाता है लेकिन संबद्धता एक ही पद पर बनी रहती है।

यूपीपीसीएल के खिलाफ पनपा है आक्रोश: ऊर्जा निगम के चेयरमैन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में बिजली अभियंताओं का प्रदर्शन जारी है। गुरुवार शाम चार से पांच बजे तक काम बंद कर बिजली अभियंताओं ने विरोध जताया। अभियंता संघ ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को पत्र भेजकर मामले में हस्तक्षेप करने व कार्रवाई रद्द करने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषण अभियंता संघ पश्चिमांचल के उपाध्यक्ष केके तेवतिया ने कहा कि विद्युत अभियंता संघ और संघर्ष समिति की स्पष्ट राय है कि अस्थायी बिजली कनेक्शन देने में यदि कोई अनियमितता हुई है तो उसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। अनियमितता के दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन बिना जांच पूरी हुए बड़े पैमाने पर अभियंताओं को सुदूर स्थानांतरित किया जाना उचित नहीं है। चेतावनी दी कि यदि पश्चिमांचल या प्रदेश में कहीं भी आंदोलन के फलस्वरूप किसी भी कर्मचारी का उत्पीड़न किया गया तो प्रदेश के तमाम बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे। ऊर्जा भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन में संघर्ष समिति के संयोजक सीपी सिंह, प्रवीण कुमार, अवधेश कुमार और रोहित कुमार मौजूद रहे।

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