सरकारी आदेश की हो रही नाफरमानी, नए तालाब बनाकर सुधारना था भूगर्भ जल स्तर, तालाब पाटकर कर दी समतल भूमी
मेरठ में कमिश्नर ने नाराजगी जताते हुए लिखा सभी जिलाधिकारी व सीडीओ को पत्र। नए तालाब बनाकर भूगर्भ जल स्तर को सुधारने का आदेश सरकार ने दिया था। तालाब में दर्ज समतल भूमि और चारागाह की भूमि पर खोदे जाएंगे नए तालाब।
मेरठ, जेएनएन। नए तालाब बनाकर भूगर्भ जल स्तर को सुधारने का आदेश सरकार ने दिया था, लेकिन मेरठ मंडल के जनपदों के अफसर ने उसे नहीं माना। हालत यह है कि नए तालाब खोदने में मेरठ मंडल प्रदेश में फिसड्डी रह गया है जिससे मंडलायुक्त खासे नाराज हैं। उन्होंने सभी जनपदों के डीएम और सीडीओ को कड़ा पत्र लिखा है।
पत्र लिखकर जताई नाराजगी
कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने मंडल के सभी जनपदों के जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को भेजे पत्र में इस बात पर गहरी नाराजगी जताई है कि नए तालाब खोदने के सरकार के आदेश को अफसरों ने नहीं माना है। अधिकांश गांवों, कस्बों और शहरों में तालाबों को पाटकर समतल भूमि बना ली गई है। तालाब के रूप में दर्ज भूमि को चिन्हित करके उनमें तालाब की खुदाई कराने का सरकार का निर्देश था लेकिन मंडल के जनपदों की इस संबंध में प्रगति अच्छी नहीं है। कमिश्नर ने कहां है कि सभी जनपदों में जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ऐसी जमीनों की तलाश करें जो तालाब के रूप में दर्ज है लेकिन मौके पर समतल हो चुकी हैं। जमीनों को चिन्हित कर उन पर नए तालाब की खुदाई कराई जाए। कमिश्नर ने कहा है कि पशु चर और चारागाह की अप्रयुक्त जमीनों को भी चिन्हित करके उन पर भी नए तालाब की खुदाई की जा सकती है। इस कार्य की जिम्मेदारी तहसीलों में एसडीएम और तहसीलदार को सौंपने का निर्देश भी उन्होंने दिया है।
मेरठ जनपद में जिलाधिकारी के बालाजी ने कमिश्नर का पत्र मिलने के बाद एडीएम प्रशासन और मुख्य विकास अधिकारी को नए तालाब खुदवाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
इन्होंने कहा...
जनपदों में भूगर्भ जल स्तर की स्थिति अच्छी नहीं है ऊपर से अधिकारियों ने शासन के नए तालाब खोदने के आदेश का भी पालन गंभीरता के साथ नहीं किया है। अब इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। नए तालाब ना खुद पाने वाले जनपदों के अफसरों पर कार्रवाई की संस्तुति शासन से की जाएगी।
- सुरेंद्र सिंह कमिश्नर मेरठ मंडल