व्यस्त जीवनशैली की वजह से हो रहे हैं रोग, हमें स्वयं करनी होगी अपने स्वास्थ्य की रक्षा Meerut News

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डा. अशोक ने कहा कि 83 फीसद रोग व्यस्त जीवनशैली की वजह से हो रहे हैं। वहीं 60 फीसद लोग व्यस्त जीवनशैली के कारण तनावपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 10:51 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 10:51 AM (IST)
व्यस्त जीवनशैली की वजह से हो रहे हैं रोग, हमें स्वयं करनी होगी अपने स्वास्थ्य की रक्षा Meerut News
मेरठ में आरोग्य भारती द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते वक्‍ता

मेरठ, जेएनएन। 83 फीसद रोग व्यस्त जीवनशैली की वजह से हो रहे हैं। वहीं, 60 फीसद लोग व्यस्त जीवनशैली के कारण तनावपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अपने स्वास्थ्य की रक्षा हमको स्वयं करनी होगी। जिस पैसे को पाने के लिए हम अपने शरीर की चिंता नहीं करते हैं। उस शरीर को लाखों खर्च करने के बाद भी नहीं पा सकेंगे। हम जीवनशैली को व्यवस्थित कर कई रोगों से बच सकते हैं। यह बात आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डा. अशोक ने कही। वह आरोग्य भारती और विवेकानंद अध्ययन केंद्र की ओर से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित बृहस्पति भवन में आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

डा. अशोक ने कहा कि यदि जीवन को स्वस्थ रखना है तो व्यायाम बहुत जरूरी है। छोटी-छोटी आदतों को अपनी जीवनशैली में शामिल करना पड़ेगा। विशिष्ट अतिथि डा. संजय जैन ने कहा कि आयुर्वेद शताब्दियों से हमारी चिकित्सा पद्धति रही है। कोरोना के कारण मजबूरी में ही सही भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद को दुनिया को अपनाना पड़ा है। डा. दर्शन लाल अरोड़ा ने कहा कि यदि हमारा शरीर ठीक है तो हम सब काम कर सकते हैं और यदि शरीर ठीक नहीं है तो आपके अंदर कितनी भी योग्यता हो सब बेकार है। अध्यक्षता चीफ प्राक्टर प्रो. बीरपाल सिंह ने की। संचालन डा. निधि भाटिया ने किया।

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