सहारनपुर: धान किसानों पर भारी पड़ी ओलावृष्टि की तबाही, पूरी तरह चौपट हुई फसल
रविवार को यमुना खादर क्षेत्र में हुई भारी ओलावृष्टि ने धान सरसों व उड़द आदि की फसलों को तहस-नहस कर दिया। गन्ने में भी इस ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। सरसों व उड़द तथा कहीं-कहीं सब्जी की फसलों पर भी टूटा बरसात व ओले का कहर।
सहारनपुर, जेएनएन। रविवार को यमुना खादर क्षेत्र में हुई भारी ओलावृष्टि ने धान, सरसों व उड़द आदि की फसलों को तहस-नहस कर दिया। गन्ने में भी इस ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्र में धान व उड़द की तो तैयार फसल पूरी तरह चौपट हुई है, जबकि सरसों की तो अभी कुछ दिन पहले ही बुआई हुई थी।
रविवार की शाम आसमान से ओले के रूप में आफत ही बरसी। यमुना खादर क्षेत्र इस अति ओलावृष्टि की पूरी तरह चपेट में आया। धान की फसल इस क्षेत्र में अभी तैयार खड़ी थी। बल्कि इस समय इस फसल की कटाई चल रही है। लेकिन शाम के समय आई इस आफत ने किसानों के खून-पसीने से तैयार इस फसल को तहस-नहस कर दिया। तहसील क्षेत्र के हजारों बीघा क्ष्रोत्रफल में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। इस आफत की चपेट में आने वाले गांवों में तहसील के नुनियारी, धौलरा, टटोहल, कांसेपुर, बहरामपुर, शेखपुरा, मंझाड़ी, मीरपुर ठसका, नानौली, लतीफपुर व साढ़ौली भूड़, खैरी, खेड़ी, मढ़ती, जोडियों, नंदपुर, कासमपुर, सिकंदरपुर, फैजाबाद, मगनपुरा व बादशाहीबाग आदि गांव में ज्यादा नुकसान हुआ।
कहीं-कहीं तो गन्ने की अगेती प्रजाति की बुआई भी हो चुकी है वह जमीन से काफी ऊपर आ चुकी है, ओलावृष्टि से इसे भी नुकसान हुआ है। किसानों ने सहफसली सरसों व उड़द भी बोए थे तो अभी जमीन से ऊपर ही निकल पाए थे ओले से सभी को जमींदोज कर दिया। इन सब हालात ने किसान की कमर तोड़कर रख दी है। अधिकारी मुआवजे देने की बात कर रहे हैं अब देखना होगा कि रोते हुए किसान के कितने आंसू पोंछे जाते हैं।