बाढ़ से बर्बादी..बाद में भी मुश्किल

हस्तिनापुर के खादर के किसानों के सामने बाढ़ के बाद कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। एक ओर जहां फसलें नष्ट हुईं वहीं दूसरी ओर अगली फसल बोने के लिए भी जलमग्न होने के कारण खेत तैयार नही सकेंगे। पानी के तेज प्रवाह से सड़के भी बर्बाद हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 09:55 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 09:55 PM (IST)
बाढ़ से बर्बादी..बाद में भी मुश्किल
बाढ़ से बर्बादी..बाद में भी मुश्किल

मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर के खादर के किसानों के सामने बाढ़ के बाद कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। एक ओर जहां फसलें नष्ट हुईं, वहीं दूसरी ओर अगली फसल बोने के लिए भी जलमग्न होने के कारण खेत तैयार नही सकेंगे। पानी के तेज प्रवाह से सड़के भी बर्बाद हो गई।

बेमौसम व असमय गंगा नदी में उफान से बने बाढ़ के हालात ने खादर क्षेत्र के लोगों का सुख चैन छीन लिया है। धान की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो गई है, गन्ने की फसल में पानी भरा है। जिन फसलों से पानी उतर गया है, उस फसल पर सिल्ट जमा हो गई है। जिसे मिल भी लेने से कतराती है। उधर, खादर क्षेत्र के किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या आने वाली फसल को बोने की है। यह समय गेहूं की फसल बोने है और अभी खेतों में पानी भरा है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. ओमवीर सिंह का कहना है कि यदि मौसम साफ रहता है और पछुआ हवा चलती है तो खेतों में पानी जल्द सूखने की संभावना है और किसान गेहूं की पछेती बुवाई कर सकते है।

मिल तक कैसे पहुंचेगा गन्ना

खादर क्षेत्र की अधिकांश सड़कों को बाढ़ लील गई है। सिरजेपुर, रठौरा कला, हंसापुर परसापुर, दबखेड़ी, हादीपुर गांवड़ी, भागोपुर, शेरपुर, नई बस्ती आदि गांवों की सड़के पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है। वहीं भीकुंड, खेड़ी कलां, बधवा गांव के किसानों के सामने भी मिलों तक गन्ना पहुंचाने की चुनौती होगी। इस समय सड़के पूर्ण रूप से ध्वस्त है। हस्तिनापुर रामराज मार्ग भी कई स्थानों पर दो दो फीट गहरे गड्ढे है। जिस कारण भारी वाहनों का चलना खतरे से खाली नही है।

दो पहिया वाहनों के लिए खतरा,

चार पहिया के लिए रास्ता बंद

भीकुंड गांव के समीप पानी से क्षतिग्रस्त हुए मार्ग को ग्रामीणों ने स्वयं दुरुस्त तो करा दिया है। परंतु यह रास्ता अभी संकरा है और केवल पैदल या दो पहिया वाहनों के लिए ही शुरू हो सका है। बाइक चालकों के लिए यह रास्ता जोखिम भरा है। हालांकि अभी भी चार पहिया वाहन चालक मवाना से चांदपुर जाने के लिए रास्ता को दुरुस्त होने की बांट देख रहे है। हालांकि सांय के समय चार पहिया वाहन चालकों ने खतरा मोल लेते हुए संकरे मार्ग से ही गाड़ी उतारने का प्रयास किया परंतु वह मिटटी में फंस गई।

मौत में भी समय से नहीं पहुंच सकेंगे

सांय लगभग सात बजे तीन गाडी भीकुंड गांव के समीप पहुंची। जिसमें प्रमोद ने बताया कि चांदपुर में उनकी रिश्तेदारी में जवान मौत हो गई है,ं लेकिन जाने के लिए रास्ता नही है। ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से उनकी फंसी गाडी को निकलवाकर बिजनौर की ओर से जाने की बात कही।

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