Dengue In Meerut: मेरठ में खतरा बरकरार, डेंगू के 29 नए मरीज मिले, कुल सख्‍ंया 949 पहुंची

Dengue In Meerut डेंगू का खतरा अभी शहर से टला नहीं है। बुधवार को 29 नए मरीजों के साथ ही कुल संख्‍या 949 पहुंच गई है। वहीं दूसरी ओर मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि अब तक 698 मरीज ठीक हो चुके हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 09:20 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 09:20 AM (IST)
Dengue In Meerut: मेरठ में खतरा बरकरार, डेंगू के 29 नए मरीज मिले, कुल सख्‍ंया 949 पहुंची
डेंगू के मद्देनजर सभी को अभी सावधानी बरतनी जरूरी है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ जिले में डेंगू की रफ्तार सुस्त नहीं पड़ रही है। बुधवार को 29 नए मरीज मिले हैं। अब तक जिले में डेंगू के कुल 949 मरीज मिल चुके हैं। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि अब तक 698 मरीज ठीक हो चुके हैं। डेंगू के 251 सक्रिय मरीज हैं। इनमें 160 मरीज घर पर रहकर इलाज करा रहे हैं और 91 मरीज विभिन्न अस्पतालों में हैं। उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं वहां टीमें पहुंच रही हैं और कैंप लगाकर लोगों की समस्याओं का निराकरण भी कराया जा रहा है।

3503 सैंपलों की जांच में मिला एक कोरोना संक्रमित

मेरठ : बुधवार को जिले में 3503 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें एक मरीज कोरोना संक्रमित मिला। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि अब जिले में कोरोना संक्रमण से ग्रसित छह सक्रिय मरीज रह गए हैं। इनमें तीन मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं और तीन होम आइसोलेशन पर रहकर अपना इलाज करवा रहे हैं। दो मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया।

बारिश और तापमान में गिरावट से लार्वा में कमी

डेंगू के मामलों में रोजाना वृद्धि हो रही है। डेंगू मरीजों की कुल संख्या एक हजार का आंकड़ा छूने को है। ऐसे में डेंगू की रोकथाम को लेकर बुधवार को जिला मलेरिया विभाग की टीम ने गत दिन की रिपोर्ट में मिले डेंगू के संदिग्ध मरीजों के घर व आसपास के इलाकों में जाकर मच्छर से निजात पाने को निरोधात्मक कार्रवाई की।

ठहरे हुए पानी में लार्वा

जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश ने बताया कि शहर में टीमें जयभीम नगर, जागृति विहार, शास्त्रीनगर और गढ़ रोड स्थित कालोनिय में पहुंची। जहां टीम ने संदिग्ध मरीजों के घरों में एंटी लार्वा का छिड़काव कराने के साथ फागिंग की। उन्होंने बताया कि बारिश होने के चलते अब भ्रमण के दौरान टीमों को घरों में लार्वा पहले की तुलना में कम मिल रहा है। लार्वा ठहरे हुए पानी में पनपता है और इसे छह से सात दिन पनपने में लग जाते हैं। साथ ही बताया कि पहले की तुलना में तापमान गिरने से कूलर का प्रयोग भी घट गया है और लोगों ने फुल कपड़े पहनना शुरू किया है।

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