काला मास्क-फीता बाधकर डॉक्टरों का प्रदर्शन

देशभर में डाक्टरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं को लेकर आइएमए की राष्ट्रीय इकाई की अपील पर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन दिवस मनाया जिस पर एसोसिएशन के मेरठ चैप्टर ने जिलाधिकारी के बालाजी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:29 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:29 AM (IST)
काला मास्क-फीता बाधकर डॉक्टरों का प्रदर्शन
काला मास्क-फीता बाधकर डॉक्टरों का प्रदर्शन

मेरठ, जेएनएन। देशभर में डाक्टरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं को लेकर आइएमए की राष्ट्रीय इकाई की अपील पर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन दिवस मनाया, जिस पर एसोसिएशन के मेरठ चैप्टर ने जिलाधिकारी के बालाजी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इससे पहले डाक्टरों ने आइएमए हाल में मीटिंग करते हुए कई पहलुओं पर चर्चा की। यहा से निकलकर डाक्टरों ने योद्धाओं की रक्षा करो का नारा लगाते हुए डीएम के पास गए। उन्होंने डाक्टर एवं कर्मियों पर हमले रोकने और आसपास को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की माग की। डाक्टरों एवं अस्पतालों के खिलाफ तोड़फोड़ व हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की माग उठाई। डाक्टरों ने काला बिल्ला, काले झडे, काले मास्क, काला रिबन, काली शर्ट पहन कर इलाज किया। प्रदेश अध्यक्ष डा एमके बंसल की अध्यक्षता में डॉक्टरों ने सासद राजेंद्र अग्रवाल, व आईजी प्रवीण कुमार जी को भी ज्ञापन दिया। डा अनिल कपूर,डा मनीषा त्यागी,डा अमित उपाध्याय , डा आशु मित्तल , डा सुशील गुप्ता , डा ऋषि भाटिया , डा उमंग अरोड़ा ,डा शिशिर जैन , डा निशी गोयल ,डा तनुराज सिरोही डा अक्षत त्यागी डा ए एस जग्गी आदि उपस्थित थे। मेडिकल कॉलेज में भी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।

पूर्व अध्यक्ष का छलका दर्द

आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर सुनील गुप्ता ने विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि देशभर में अस्पतालों के खिलाफ हिंसक मनोवृत्ति बन रही है। कहा कि गत दिनों केएमसी अस्पताल में एक कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाया, लेकिन लोगों ने उससे प्रमाण नहीं मागा, और प्रदर्शनों का दौर चल पड़ा। यह अस्पतालों का उत्पीड़न नहीं तो क्या है। कहा कि हमारे अस्पताल ने कई गंभीर मरीजों का इलाज किया, लेकिन उसे भुला दिया गया, और एक आरोप के साथ लोग लामबंद होने लगे। यह निराशाजनक है।

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