मानसून में आफत बन जाएंगे 'अव्यवस्था' के गड्ढे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए मानसून चुनौती बन सकता है।
मेरठ,जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए मानसून चुनौती बन सकता है। क्योंकि पिछली बारिश में किनारे की तरफ जो गड्ढे हो गए थे, उनमें से सभी को अभी तक नहीं भरा जा सका है। गड्ढे डामर की पटरी तक हैं, इसलिए यदि बारिश जोरदार हुई तो ये और गहरे हो जाएंगे। इसका असर डामर की किनारे वाली पटरी पर पड़ेगा। ऐसे में किनारे की तरफ चलने वाले वाहनों के लिए ये गड्ढे खतरा बन सकते हैं।
पिछले महीने जब जोरदार बारिश हुई तो एक्सप्रेस-वे के कई स्थानों पर मिट्टी भराव वाले किनारे कट गए और गड्ढे हो गए। उसके बाद मरम्मत का कार्य शुरू हुआ। पानी निकासी का तरीका बदला गया। जो सीमेंट की नालियां 20 मीटर पर थीं उन्हें 10 मीटर पर करने का कार्य शुरू हुआ। कुछ स्थानों पर डामर की परत उखाड़कर फिर से दुरुस्त किया गया। हालांकि एक्सप्रेस-वे को ठीक से देखने पर पता चलता है कि किनारे वाले काफी गड्ढे ऐसे हैं जो अभी तक नहीं भरे गए। जबकि इतने समय में उन्हें मिट्टी व गिट्टी आदि से भर दिया जाना चाहिए था। ये गड्ढे क्रैश बैरियर व डामर की पटरी तक हैं, इसलिए यदि बारिश तेज हुई तो फिर से कटान होने की आशंका है। ऐसे में पटरी के नीचे की मिट्टी खिसकी तो पटरी के धंसने की आशंका भी बढ़ जाएगी।
खेतों की तरफ नाली बनाने का काम तेज
एक्सप्रेस-वे पर खेतों की तरफ नाली बनाई जा रही है। इससे दो फायदे होंगे। नाली खोदाई से जो मिट्टी निकल रही है, वह किनारे की दीवारों को मजबूती देगी। वहीं, इस नाली के माध्यम से वह पानी जमीन के नीचे पहुंचाया जाएगा, जो एक्सप्रेस-वे के ऊपर से आएगा।
कार्यदायी कंपनी का दावा, एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से सुरक्षित
एक्सप्रेस-वे तैयार करने वाली कंपनी का दावा है कि एक्सप्रेस-वे का पूरी तरह से निरीक्षण कर लिया गया है। कहीं भी बारिश से डामर पटरी नहीं धंसेगी। किनारे की मिट्टी भी अब मजबूत हो गई है, जिससे कटान नहीं होगा।