Delhi-Meerut Expressway : चिपियाना में आरओबी का स्ट्रस ब्रिज तैयार करना बना चुनौती, जानिए निर्माण में क्‍यों हो रही है देरी

मेरठ में ओवरब्रिज को तैयार करने में फरवरी या मार्च तक का समय लग सकता है। यहां पर अभी आठ लेन पर आवागमन हो रहा है। यदि 115 मीटर लंबे स्पैन की लांचिंग दिसंबर में हो जाएगी तब तैयार हो चुके चार लेन का ब्रिज भी खोल दिया जाएगा।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 06:01 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 06:01 AM (IST)
Delhi-Meerut Expressway : चिपियाना में आरओबी का स्ट्रस ब्रिज तैयार करना बना चुनौती, जानिए निर्माण में क्‍यों हो रही है देरी
चिपियाना में आरओबी का स्ट्रस ब्रिज तैयार करना बना चुनौती

मेरठ, जागरण संवाददाता। Delhi-Meerut Expressway दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर चिपियाना में ओवरब्रिज तैयार करने के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसका चार लेन का स्ट्रस ब्रिज है। इसकी वजह से देरी हो रही है। इस ओवरब्रिज को तैयार करने में फरवरी या मार्च तक का समय लग सकता है। यहां पर कुल 16 लेन का ओवरब्रिज निर्माणाधीन है। जिसमें से आठ लेन पर आवागमन हो रहा है। यदि 115 मीटर लंबे स्पैन की लांचिंग दिसंबर में हो जाएगी तब उसके बराबर में तैयार हो चुके चार लेन का ब्रिज भी खोल दिया जाएगा। जिससे दिसंबर तक चलने के लिए 12 लेन हो जाएंगे। यदि दिसंबर में स्पैन की लांचिंग हो गई तो फरवरी-मार्च तक उस पर विभिन्न कार्य समेत चार लेन का डामर डाला जा सकेगा। फिर उसे खोला जा सकेगा। तब पूरे 16 लेन आवागमन के लिए हो जाएंगे।

यह होगा देश का एक ही स्पैन का सबसे भारी स्ट्रस ब्रिज

यह देश का पहला सबसे लंबा एक ही स्पैन वाला व भारी स्ट्रस ब्रिज हो जाएगा। इसके स्पैन की लंबाई 115 मीटर होगी। इसका वजन 2270 टन रहेगा है जोकि स्टील का होगा। वैसे तो देश में इससे लंबे स्टील के स्ट्रस ब्रिज हैं, लेकिन उनके स्पैन टुकड़ों में होते हैं और उसके नीचे दर्जनों पिलर होते हैं। जबकि इस ब्रिज में नीचे कोई पिलर नहीं होगा। अस्थाई पिलर तैयार किए जा रहे हैं जिसे बाद में हटा लिया जाएगा। शुरुआत में अस्थाई पिलर ब्रिज के कामकाज को आसान बनाने व लांचिंग में सहयोग के लिए बनाए जा रहे हैं।

इसलिए हो रही है स्ट्रस ब्रिज को बनाने में देरी

115 मीटर का एक ही स्पैन जो कि 2270 टन वजन का है, इसे पुश तकनीक से लांच किया जाएगा। इसके विभिन्न हिस्से ट्रकों से निर्माण स्थल पर आएंगे जिसे मौके पर ही असेंबल किया जाएगा। फिर पूरे 115 मीटर के स्पैन को धीरे-धीरे खिसकाते हुए एक छोर से दूसरी छोर तक ले जाया जाएगा। स्पैन लांच होने के बाद बाकी का कार्य शुरू होगा। अंत में डामर कार्य होगा फिर उसे आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।

इसको कैसे पुश किया जाएगा। कितने दिन लगेंगे। रेलवे से कितने घंटे के कितने हिस्से के ब्लाक में काम हो जाएगा इसको लेकर मंथन चल रहा है। इसका डिजाइन रेलवे के पास स्वीकृति के लिए गई है।

तैयार हैं 12 लेन लेकिन चलने को आठ लेन, समझें क्यों

यहां पर कुल 16 लेन का ओवरब्रिज हो जाएगा। जिसमें से चार लेन का ओवरब्रिज पुराने हाईवे का बना हुआ है। कुछ माह पहले छह लेन का ओवरब्रिज तैयार हो चुका है। दो लेन का एक और ओवरब्रिज तैयार हो गया है। चार लेन का स्ट्रस ब्रिज फरवरी तक बन पाएगा।इस तरह से 12 लेन का ओवरब्रिज तैयार है, मगर चलने के लिए दिया गया है सिर्फ आठ लेन। यानी बाकी जो चार लेन है उसे क्यों नहीं खोला जा रहा है।दरअसल, नए बने छह लेन में पुराने पुल के चार लेन में से दो लेन को जोड़ दिया गया। इस तरह से आठ लेन को आने-जाने के लिए खोला गया। पुराने वाले पुल का जो दो लेन बचा है, उसके लिए एक आरई वाल का निर्माण चल रहा है। उसी के बराबर में दो लेन का ओवरब्रिज तैयार हो चुका है, लेकिन एक तरफ उसकी एप्रोच रोड तैयार नहीं हो पाई है। ये कार्य समाप्त होने पर इस पूरे चार लेन का उपयोग 115 मीटर के स्पैन की लांङ्क्षचग में किया जाएगा। क्योंकि इस पूरे चार लेन पर मशीनरी, श्रमिक, इंजीनियर आदि रहेंगे। यानी चारों तरफ के हिस्से का उपयोग होगा। जब स्पैन लांच हो जाएगा तब इस चार लेन को खोला जाएगा।

न्यूमेरिक

-16 लेन का ओवरब्रिज चिपियाना में बन रहा है

-08 लेन पर हो रहा है वर्तमान में आवागमन

-04 लेन का बनेगा स्ट्रस ब्रिज

-04 लेन का ओवरब्रिज पुराने हाईवे का बना हुआ है

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