Delhi-Meerut Expressway: कृपया ध्‍यान दें, गाजीपुर में कमजोर हो रहा एक्सप्रेस-वे, यह वजह आई सामने

Delhi-Meerut Expressway यदि आप एक्‍सप्रेस वे पर यात्रा पर कर रहे हैं तो आपको खासी सावधानी बरतनी होगी। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने कमिश्नर से की किसान आंदोलन को कहीं और शिफ्ट करने की मांग है। हादसों की भी आशंका है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:50 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 09:50 AM (IST)
Delhi-Meerut Expressway: कृपया ध्‍यान दें, गाजीपुर में कमजोर हो रहा एक्सप्रेस-वे, यह वजह आई सामने
दस महीने से गाजीपुर में किसान आंदोलन वाले भाग का नहीं हो पा रहा है रखरखाव।

मेरठ, जागरण संवाददाता। दिल्ली बार्डर पर गाजीपुर में जिस स्थान पर किसान धरनारत हैं, वह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का हिस्सा है। उस स्थान पर जहां मार्ग निर्माण अधूरा है वहीं दस महीने से सड़क और पुल का रखरखाव भी नहीं हो सका है। इसकी वजह से एक्सप्रेस-वे का यह हिस्सा दिनोंदिन कमजोर होता जा रहा है। इधर, बरसात में जलभराव के साथ वहां पेड़ उग आए हैं। इसीलिए इस स्‍थान पर हादसों का अंदेशा है।

हादसे के लिए जिम्‍मेदार नहीं होंगे

एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने मेरठ कमिश्नर, गाजियाबाद और दिल्ली के शास्त्रीनगर जनपद के डीएम को पत्र लिखकर इन हालात की जानकारी दी है और कहा है कि यदि उक्त स्थान पर कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार एनएचएआइ नहीं होगा। उन्होंने किसान आंदोलन को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट कराने की अपील की है।

यह बताया पत्र में

परियोजना निदेशक ने अपने पत्र में बताया है कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली बार्डर पर गाजीपुर में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के लगभग 300 मीटर भाग पर धरनारत हैं। वहां सड़क किसानों के कब्जे में है। टेंट-तंबू से बस्ती बनी है। इसके लिए सड़क में गड्ढे किए गए हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें उक्त सड़क पर बारिश का पानी भरा हुआ था। पुल के पिलर, बेयरिंग आदि का रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। दस महीने से इंजीनियर एक बार भी सड़क और पुल का निरीक्षण तक नहीं कर सके हैं।

पत्र मिलने पर निर्णय लेंगे

कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि एनएचएआइ का उक्त पत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। एनएचएआइ द्वारा जिन समस्याओं की जानकारी दी जाती है उन सभी को प्राथमिकता पर हल कराया जाता है। पत्र मिलने के बाद उसमें उल्लेखित बिंदुओं पर कार्रवाई कराई जाएगी।

अच्छी नहीं है सड़क की स्थिति

किसानों के कब्जे के कारण एक्सप्रेस-वे का 300 मीटर का हिस्सा बेहाल है। उसका रखरखाव नहीं हो पा रहा है। हमने प्रशासनिक अफसरों को पत्र भेजकर स्थिति से अवगत कराया है ताकि समय रहते प्रयास किए जा सकें।

- मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक एनएचएआइ

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