दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे : फरवरी तक पूरा होगा चिपियाना में ओवरब्रिज, रेलवे से चल रही है इस मामले में वार्ता
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर चिपियाना में रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज निर्माणाधीन है। रेलवे लाइन पर चार लेन का ओवरब्रिज पुराना बना हुआ है। छह लेन का नया ओवरब्रिज कुछ माह पहले तैयार हुआ था जिसे आवागमन के लिए खोला जा चुका है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर चिपियाना में रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज निर्माणाधीन है। यहां पर 16 लेन का ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। वर्तमान में आठ लेन पर आवागमन चल रहा है। इस पूरे लेन का निर्माण फरवरी तक पूर्ण होने की उम्मीद है। इसके लिए रेलवे से ब्लाक लेने के लिए वार्ता चल रही है।
यह है मामला
दरअसल, इस रेलवे लाइन पर चार लेन का ओवरब्रिज पुराना बना हुआ है। छह लेन का नया ओवरब्रिज कुछ माह पहले तैयार हुआ था जिसे आवागमन के लिए खोला जा चुका है, लेकिन पुराने ओवरब्रिज में से दो लेन का ब्रिज एक स्थान पर आरई वाल काटने के लिए बंद कर दिया गया है। इस तरह से नए ब्रिज में से छह व पुराने में से दो लेन खुले हैं। पुराने ओवरब्रिज के बराबर में ही दो लेन का एक ओवरब्रिज और तैयार हो चुका है लेकिन एप्रोच रोड अभी नहीं बन पाई है। यह कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है। वहीं दूसरी तरफ सबसे किनारे चार लेन का स्ट्रस ब्रिज बनेगा। इसकी लंबाई 115 मीटर है। इसे लांच करने के लिए रेलवे से वार्ता चल रही है। उम्मीद है कि लांच करने से लेकर उस पर डामर कार्य करने तक फरवरी तक का समय लग जाएगा। बहरहाल, एनएचएआइ के अधिकारी अभी कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं हैं।
सुरक्षा मित्रों की सुरक्षा रैंकिंग में मेरठ को देश में नौवां स्थान
मेरठ, जागरण संवाददाता। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के अंतर्गत अब सुरक्षा मित्रों की सुरक्षा यानी सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज की भी रैंकिंग जारी की गई है। इसमें मेरठ नगर निगम को देश की सूची में नौवां स्थान मिला है। वहीं प्रदेश की सूची में तीसरा स्थान मिला है। सुरक्षा मित्र वे होते हैं जो सीवर की सफाई में जुटे होते हैं। इसमें सबसे बड़ी बात यह होती है कि क्या सुरक्षा मित्र सीवर लाइन में उतर कर सफाई करते हैं या फिर सफाई मशीन से होती है। चूंकि मेरठ में मशीन से सफाई होती है। वैसे तो मशीन से सफाई अन्य शहरों में भी होने लगी है लेकिन अभी कई शहर ऐसे हैं जो ओडीएफ प्लस प्लस प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर पाए हैं। स्वच्छता रैंङ्क्षकग में भी नहीं हैं। इसलिए बाकी शहर पिछड़ गए।