नौ लोगों की मौत के बाद फाजलपुर-पल्लवपुरम में चीत्कार

पल झपकते ही उजड़ गई दो परिवारों की दुनिया, पसरा मातम

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Apr 2018 02:09 AM (IST) Updated:Wed, 11 Apr 2018 02:09 AM (IST)
नौ लोगों की मौत के बाद फाजलपुर-पल्लवपुरम में चीत्कार
नौ लोगों की मौत के बाद फाजलपुर-पल्लवपुरम में चीत्कार

मेरठ । वैष्णो देवी की यात्रा के बाद स्कॉर्पियो से लौट रहे दो परिवारों की पलभर में दुनिया उजड़ गई। मंगलवार सुबह स्कॉर्पियो शामली के ¨झझाना हाईवे पर मौत ने उन पर झपंट्टा मार दिया। हादसे के शिकार परिवार फाजलपुर और पल्लवपुरम के रहने वाले थो, लिहाजा दोनों जगह मातम पसर गया।

फाजलपुर की नई बस्ती निवासी जयदेव रावत व जयकिशन रावत पुत्र स्व: रतन ¨सह रावत परिवार संग रहते थे। जयकिशन के पड़ोसी भूवन व इंद्रजीत ¨सह मेहर ने बताया कि सात अप्रैल की रात को जयदेव अपनी पत्नी निधि, 12 वर्षीय पुत्र आकाश और जयकिशन अपनी पत्नी नीतू, बेटी अर्पणा, पुत्र ओम, तेज विहार निवासी सास सावित्री, जयकिशन का दोस्त पल्लवपुरम फेस-दो निवासी राजेंद्र भी पत्नी संगीता, मां प्रेमवती, पुत्र अनीकेत उर्फ हनी स्कॉर्पियो से वैष्णों देवी की यात्रा पर गए थे। देर रात संगीता, उसकी सास और उसके पुत्र का अंतिम संस्कार ललसाना रोड स्थित श्मशान घाट पर किया गया। एकता की मिसाल है चारों भाइयों का परिवार

जयदेव और जयकिशन के पिता रतन ¨सह रावत मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल में ज्वाला देवी मंदिर के पास के मूल निवासी थे। वह सेना में सूबेदार थे और वषरें पहले पत्‍‌नी कमला देवी, पुत्र जयदेव, जयकिशन, अनिल व सुनील के साथ फाजलपुर में बस गए थे। सेवानिवृत्ति के बाद 2007 में रतन ¨सह की मृत्यु हो गई। जयकिशन का साइबर कैफे है, जबकि जयदेव प्राइवेट नौकरी करते थे। छोटा भाई सुनील बीएसएफ में गुजरात तैनात है, वहीं अनिल घर पर रहकर काम करता है। मां कमला देवी दिव्यांग हैं। चारों भाइयों का परिवार एकता की मिसाल है। सब ठीक तो है, इतनी भीड़ क्यों रहै घर में

वैष्णों देवी की यात्रा पर जयदेव का बड़ा बेटा हैप्पी और जयकिशन की बेटी गुनगुन नहीं जा पाए थे। जयदेव और जयकिशन की बुजुर्ग मां कमला देवी से हादसे की बात छिपाकर रखी गई। पड़ोस की महिलाएं चुप रहीं, साथ ही पौत्र ने क्षमता से अधिक कलेजा मजबूत रखा। कमला देवी बार-बार पूछती रहीं कि आखिर घर में इतनी भीड़ क्यों है।

सेना अफसर बनना चाहता था आकाश

जयकिशन के पड़ोसी भुवन बताते हैं कि दोनों भाई बेहद मिलनसार थे। जयदेव का बेटा आकाश दादा की तरह सेना में अफसर बनने की बात कहता था। आकाश के साथ खेलने वाले बच्चे भी हादसा सुनकर बिलख पड़े। जयदेव ने झिंझाना में संभाला था स्टेय¨रग

मोदीपुरम : पल्लवपुरम फेस-2 निवासी राजेंद्र पुत्र नरेश का दिल्ली में बैटरी बनाने का कारोबार है। राजेंद्र को फाजलपुर निवासी दोस्त जयदेव और जयकिशन के साथ गुरुवार को वैष्णो देवी की यात्रा पर जाना था, लेकिन जयदेव व जयकिशन किसी काम में व्यस्त रहे। शनिवार को यात्रा पर जाने के बाद वे मंगलवार को लौट रहे थे और हादसा हो गया। होश में आने पर राजेंद्र ने बताया कि ¨झझाना से पहले तक गाड़ी वही चला रहा था। नींद आने लगी तो स्टेय¨रग जयदेव के हाथ में पकड़ाकर वह पीछे की सीट पर सो गया। तेज धमाके के साथ ही उसकी आंख खुली। फिर वह बेहोश हो गया। हादसा कैसे हुआ, इसका पता उसे नहीं चला। जब होश में आया तो उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी। मां प्रेमवती, पत्‍‌नी संगीता और पुत्र अनिकेत उर्फ हनी काल के गाल में समा चुके थे।

पत्‍‌नी, पुत्रवधू और पौत्र की मौत से रमेश सदमे में

हादसे की सूचना जैसे ही पल्लवपुरम पहुंची तो राजेंद्र के परिजनों में कोहराम मच गया। उसके भाई आस-पड़ोस के लोगों के साथ शामली रवाना हो गए, जबकि गहरा सदमा लगने से पिता रमेश गुमसुम हो गए।

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