श्मशान घाट पर दारुण दृश्य, नहीं मिल रहे चार कंधे भी

जिस पिता ने अपनी पूरी जिंदगी परिवार को संवारने में लगा दी वक्त ऐसा सितमगर साबित हुआ कि आज उन्हीं की मौत पर उनकी अर्थी को देने के लिए चार कंधे भी नसीब नहीं हुए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:44 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:44 AM (IST)
श्मशान घाट पर दारुण दृश्य, नहीं मिल रहे चार कंधे भी
श्मशान घाट पर दारुण दृश्य, नहीं मिल रहे चार कंधे भी

जागरण संवाददाता, मेरठ : जिस पिता ने अपनी पूरी जिंदगी परिवार को संवारने में लगा दी, वक्त ऐसा सितमगर साबित हुआ कि आज उन्हीं की मौत पर उनकी अर्थी को देने के लिए चार कंधे भी नसीब नहीं हुए। कोरोना के कहर के चलते श्मशान घाट पर ऐसे दारुण दृश्य देखने को मिल रहे हैं कि लोगों की आखें नम हो जा रही हैं। अंतिम संस्कार के मायनों को ही बदल देने वाले कोरोना के इस कहर ने लोगों को इतना विवश कर दिया है कि वो रो रहे हैं लेकिन चाहकर भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं। चार कंधों का भी इंतजाम न कर सका बेबस बेटा

ब्रह्मपुरी निवासी आशीष ने बताया कि कोरोना संक्रमण ने उनके पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में सभी रिश्तेदारों ने सहायता करने से भी मुंह मोड़ लिया है। कुछ दिनों पहले पिता हरि सिंह की तबियत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। उम्र ज्यादा होने की वजह से उनका आक्सीजन स्तर लगातार कम हो रहा था। देर रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। उन्होंने अपने रिश्तेदारों से सहायता मागी लेकिन सभी ने कोरोना संक्रमण का हवाला देकर मुंह मोड़ लिया। आखिरी समय में पिता के लिए चार कंधों का बंदोबस्त नहीं होने पर एक मजबूर बेटे ने श्मशान घाट में पिता की जलती चिता के सामने व्यवस्था को खूब कोसा। अब कैसे कटेगी जिंदगी मेरी मा

कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। ऐसे में श्मशान घाट में धधकती चिता के सामने एक बेटा बस यही बोलता रहा। कोरोना तेरा बहुत बुरा होगा, तूने मेरी मा को मुझसे छीन लिया। अब कैसे मेरी जिंदगी कटेगी। जिस मा ने मेरी शादी के सपने संजोय थे, तेरे कारण वह मुझे छोड़कर चली गई। कंकरखेड़ा निवासी रोहित के मुताबिक पंद्रह दिन पहले उनकी मा की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। एक सप्ताह बाद तबियत में सुधार भी हुआ मगर चार दिन पहले अचानक तबियत फिर बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। बड़े भाई का परिवार संक्रमित, देवर ने दी मुखाग्नि

मेडिकल क्षेत्र के गढ़ रोड स्थित कालोनी निवासी अमित के मुताबिक उनके भाई रवि का परिवार गंगानगर में रहता है। एक सप्ताह पहले रवि की कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। उसके बाद उनकी पत्नी व दो बच्चों की भी रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। भाभी की तबियत बिगड़ने पर उन्हें गंगानगर स्थित एक हास्पिटल में भर्ती कराया गया। आक्सीजन स्तर कम होने की वजह से शुक्रवार तड़के उनकी भाभी की मौत हो गई। संक्रमण की वजह से मृतका के बच्चे व पति अंतिम दर्शन तक नहीं कर सके। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार अमित ने नम आखों से भाभी का अंतिम संस्कार किया।

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