झूलते बिजली के तार, बिना जाल का ट्रांसफार्मर..मतलब खतरा
मानसून दस्तक दे रहा है। उधर सरधना कस्बे के गली-मोहल्ले व खेत-खलिहानों में बिजली के तार लटके हुए हैं। गुरुवार को आई आंधी के बाद झमाझम बारिश से कई जगह तार टूट गए थे। जिसके बाद बिजली आपूíत बाधित होने से लोगों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी थी।
मेरठ, जेएनएन। मानसून दस्तक दे रहा है। उधर, सरधना कस्बे के गली-मोहल्ले व खेत-खलिहानों में बिजली के तार लटके हुए हैं। गुरुवार को आई आंधी के बाद झमाझम बारिश से कई जगह तार टूट गए थे। जिसके बाद बिजली आपूíत बाधित होने से लोगों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी थी। ऐसे में लोग इस बात को लेकर दहशतजदा हैं कि आंधी-बारिश में लटके हुए विद्युत तार व खुले पड़े ट्रांसफार्मर हादसों का सबब न बन जाएं।
दरअसल, कस्बा व देहात क्षेत्र में बिजली के खंभों पर तार जर्जर हालत में झूल रहे हैं। थोड़ी सी हवा चलते ही तार आपस में टकराते है और चिगारी के बाद टूट जाते हैं। गांव के लोगों ने बताया कि गुरुवार को तेज आंधी के बाद झमाझम बारिश हुई थी, जिससे चांदना व पाली फिटर के 19 पोल व बहादुरपुर फिटर के छह पोल टूट कर गिर गए थे। इसके चलते कई गांव की बत्ती गुल हो गई थी। वहीं, नंगलारोड छावनी निवासी लोगों ने बताया कि कई बार तार टूट चुके हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। करीब तीन साल पहले अपने खर्चे से ही तारों के बीच में लकड़ी भी लगवाई थी। उधर, चर्च के सामने भी स्थिति इससे जुदा नहीं है। चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग स्थित बिजलीघर के जेई रमेशचंद गौतम ने बताया कि शुक्रवार शाम तक लाइन सही करा दी जाएगी, जबकि बहादुरपुर के पोल ठीक करवा दिए गए हैं।
खुले में बिना जाल रखे गए हैं ट्रांसफार्मर
कस्बे में कई जगह ऐसी है। जहां पर बिना जाल लगे ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं। जो आम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। हालांकि, लोग बचकर चलते है, लेकिन बच्चों को करंट लगने का भय बना रहता है। उधर, मौसम पलटते ही बरसात में हादसों का खतरा बढ़ जाता है। इसके बाद भी विद्युत विभाग के अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है। नगला रोड चौराहे पर शौचालय से चंद कदमों की दूरी पर सड़क किनारे खुले में बिना जाल के ट्रासफार्मर रखा हुआ है, जो हादसों को दावत दे रहा है। इस मामले में एसडीओ कुमार अनिकेत ने बताया कि अगर ऐसा है तो शीघ्र ही सही कराया जाएगा।