बच्चों में कोरोना ठीक होने के बाद भी खतरनाक
कोरोना की दूसरी लहर बच्चों को चपेट में ले रही है।
मेरठ,जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर बच्चों को चपेट में ले रही है। बच्चों में वायरस नए लक्षणों के साथ बीमारी बढ़ा रहा है। कोविड केंद्रों में इस बार भर्ती मरीजों में बच्चों की संख्या पिछली लहर से ज्यादा है। म्यूटेशन के बाद वायरस नवजातों को भी निशाना बना रहा है। मेडिकल कालेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक कई बच्चों में वायरस हृदय रोग बना रहा है। पोस्ट कोविड स्टेज में भी वयस्कों की तुलना में बच्चों को ज्यादा नुकसान हो रहा है।
मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डा. विजय जायसवाल ने बताया कि पिछली बार की तुलना में बच्चों में संक्रमण तीन से पाच गुना तक है। कोरोना बच्चों में डायरिया, तेज बुखार, पेट दर्द, भूख में कमी, उल्टी, हल्की खासी, त्वचा में सूजन, चकत्ते, आखों में लालिमा, त्वचा के रंग में बदलाव, जोड़ों में दर्द, सास तेज होने, यूरिन कम, नाक बहने, थकान, होंठों के फटने, नाखून में पीलापन और मुंह के अंदर छाले जैसे लक्षण उभार रहा है। पिछली बार से कई लक्षण अलग हैं। डा. जायसवाल ने बताया कि बच्चों में तेज बुखार, निमोनिया, डिहाइड्रशन और स्वाद में कमी जैसे लक्षण खतरनाक हैं। उधर, मेरठ में एक शोध के मुताबकि कोरोना ठीक होने के बाद बच्चों के रक्त में थक्का बनने की प्रवृत्ति देखी गई है। इनमें दिल की धमनियों में गंभीर सूजन मिली। इस बीमारी से अन्य प्रदेशों में कई बच्चों की जान चली गई है।
इनका कहना-
कोरोना की वजह से बच्चों के हृदय की धमनिया सूजकर गुब्बारे की तरह हो सकती हैं। इसके फटने से जान जा सकती है। शोध के दौरान बच्चों में डी-डाइमर, सीआरपी और सीरम फíटनिन बढ़ा मिला, जिससे साबित होता है कि शरीर में अंदरूनी सूजन है। वायरस बच्चों में थक्के बना सकता है। कोरोना ठीक होने के माहभर के अंदर बच्चे को बुखार आए तो तत्काल डाक्टर से संपर्क करें।
डा. उमंग अरोड़ा, बाल रोग विशेषज्ञ