जुलूस निकाल कर पहुंचे डेयरी संचालक , नगर निगम में की नारेबाजी
नगर निगम प्रशासन ने शहर से डेयरियों को बाहर करने की कार्रवाई सुबह 11 बजे शुरू की पर वह अंजाम तक नहीं पहुंची।
मेरठ,जेएनएन। नगर निगम प्रशासन ने शहर से डेयरियों को बाहर करने की कार्रवाई सुबह 11 बजे शुरू करने की योजना बनाई थी। इसके लिए नगर आयुक्त मनोज चौहान, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह ने टाउनहाल में निगम के अन्य अधिकारियों और सफाई निरीक्षकों को बुला भी लिया था। टाउनहाल के बाहर जेसीबी और कैटल वाहन भी खड़े हो गए थे। लेकिन कार्रवाई शुरू होती कि इससे पहले डेयरी संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय के नेतृत्व में मकबरा, इस्लामाबाद, माधवपुरम समेत अन्य स्थानों से सैकड़ों की संख्या में जुलूस की शक्ल में डेयरी संचालक नगर निगम पहुंच गए। देखते ही देखते नगर निगम परिसर में डेयरी संचालकों ने डेरा जमा लिया। कार्रवाई को लेकर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। घबराए निगम कर्मचारियों ने अंदर से नगर आयुक्त कार्यालय के चैनल में ताला डाल दिया। इस दौरान युवा सेवा समिति के अध्यक्ष बदरअली भी पहुंचे और कैटल कालोनी बसाने की मांग उठाई। बता दें कि कार्रवाई की आशंका को लेकर डेयरी संचालक सुबह से ही एकत्र होने लगे थे। 50-50 की टोलियों में डेयरियों के इर्द-गिर्द मौजूद थे।
आनन-फानन में पहुंची कई थानों की पुलिस व आरआरएफ
नगर निगम परिसर में 400 से ज्यादा आक्रोशित डेयरी संचालकों के डेरा जमा लेने पर आनन-फानन में देहली गेट थाने समेत अन्य थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची और मोर्चा संभाला। पहले देहली गेट थाना प्रभारी ने डेयरी संचालकों को समझाने का प्रयास किया। नहीं माने तो सीओ कोतवाली दिनेश कुमार शुक्ला भी पहुंच गए। सुरक्षा के मद्देनजर आरआरएफ भी बुला ली गई।
दो घंटे चला मान-मनौव्वल, फिर ले गए वार्ता को
विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे डेयरी संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय समेत अन्य पदाधिकारियों से मान-मनौव्वल कर मनाने की कोशिश सीओ कोतवाली काफी देर तक करते रहे। लेकिन डेयरी संचालकों ने कह दिया कि वे आर-पार की लड़ाई के लिए आएं है। उधर नगर आयुक्त व एसपी सिटी पुलिस लाइन से टोह लेते रहे। जब डेयरी संचालक नहीं माने तो वार्ता के लिए पांच पदाधिकारियों के नाम चयन किए गए। उनको पुलिस साथ लेकर पुलिस लाइन पहुंची। जबकि अन्य डेयरी संचालक निगम परिसर में धरने पर डटे रहे।
नगर आयुक्त ने एक न सुनी, कहा हार्इ्र कोर्ट का आदेश है
वार्ता के लिए डेयरी संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय, हाजी असलम, राहुल जोशी, अब्दुल रहीम, सुरेंद्र कुमार पुलिस लाइन पहुंचे। यहां सभागार में नगर आयुक्त मनोज चौहान, एडीएम सिटी महेश चंद्र शर्मा, एसपी सिटी अखिलेख नारायण, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह, संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार समेत सभी सफाई निरीक्षक, कर निरीक्षक मौजूद थे। एसोसिएशन ने कैटल कालोनी बसाने की मांग रखी। कहा कि रोजी-रोटी न छीने। लेकिन नगर आयुक्त ने एक न सुनी। कहा कि हाई कोर्ट में एक जुलाई को डेयरियों को शहर से बाहर करने की कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। 30 जून तक का समय है। इससे पहले डेयरियों को हटाएंगे। नगर आयुक्त के कड़े रुख के बाद डेयरी संचालक एसोसिएशन के पदाधिकारी बैकफुट पर आ गए और डेयरियों को बाहर ले जाने की लिखित सहमत दे दी। इसके बाद नगर आयुक्त ने सोमवार तक कार्रवाई न करने की मोहलत दी है।
बनारस में कैटल कालोनी, मेरठ से भेदभाव
डेयरी संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय ने सवाल खड़ा किया है कि बनारस में कैटल कालोनी बसाई जा रही है जबकि मेरठ के साथ भेदभाव किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने दोनों शहरों के लिए एक जैसा आदेश दिया था फिर ऐसा क्यों हो रहा है। भारी पड़ सकती है मोहलत
प्रशासन ने डेयरी संचालकों को खुद डेयरी शहर से बाहर निकालने के लिए सोमवार तक का समय दिया है। सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन को यह छूट महंगी पड़ सकती है। डेयरी संचालक कैटिल कालोनी विकसित किए बिना कार्रवाई के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दे दी तो फिर प्रशासन की कार्रवाई धरी रह जाएंगी। वर्जन:--
डेयरी संचालक एसोसिएशन की ओर से लिखित सहमत दी गई है कि वे बुधवार से खुद डेयरियां शहर से बाहर ले जाने की व्यवस्था करेंगे। इसके लिए समय मांगा था। सोमवार तक का समय दिया गया है। अगर डेयरी संचालक हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सोमवार के बाद नगर निगम अपनी कार्रवाई करेगा।
मनोज चौहान, नगर आयुक्त।
-हमने कैटल कालोनी की बात रखी थी। नगर आयुक्त ने कहा है कि हाई कोर्ट ने शहर से डेयरियों को बाहर करने का आदेश दिया है। कैटल कालोनी बसाने की बात नहीं कही है। यह हमारा कार्य भी नहीं है और जमीन भी नहीं है। हाई कोर्ट का आदेश है, मानना पड़ेगा। यह मजबूरी है। डेयरियों को शहर से बाहर ले जाने की व्यवस्था करेंगे।
महेंद्र उपाध्याय, अध्यक्ष, डेयरी संचालक एसोसिएशन।