Police Cylinder Recovery: मेरठ में ऑक्सीजन की कालाबाजारी के बीच पुलिस की सिलेंडर वसूली
कोरोना महामारी में पुलिस पर आक्सीजन सिलेंडरों की वसूली के आरोप भी लगने लगे हैं। वाकया चार मई का है ट्रांसपोर्ट नगर से सिलेंडरों की कालाबाजारी की शिकायत यूपी-112 पर काल कर दी गई। पीआरवी ने पहुंचकर सिलेंडरों से भरे गोदाम में ताला डाल दिया।
मेरठ, जेएनएन। अब तक आपने पुलिस पर रकम वसूली के आरोप लगते सुने होंगे, मगर अब कोरोना महामारी में पुलिस पर आक्सीजन सिलेंडरों की वसूली के आरोप भी लगने लगे हैं। वाकया चार मई का है, ट्रांसपोर्ट नगर से सिलेंडरों की कालाबाजारी की शिकायत यूपी-112 पर काल कर दी गई। पीआरवी ने पहुंचकर सिलेंडरों से भरे गोदाम में ताला डाल दिया, हालांकि टीपीनगर थाना पुलिस ने कुछ ही घंटे बाद ताला खुलवा दिया। चर्चा है कि पुलिस ने दस सिलेंडर वसूल करने के बाद ही ताला खुलवाया। दुकान स्वामी से फोन पर बात की गई तो उन्होंने सिलेंडर वसूलने का हां में जवाब दिया है। यह सिर्फ टीपीनगर थाने का मामला नहीं है, बल्कि ब्रह्रम्पुरी और परतापुर समेत कई थानों में सिलेंडर वसूली का काम चल रहा है।
यह है मामला
चार मई शाम करीब चार बजे कंट्रोल रूम को 112 नंबर पर ट्रांसपोर्ट नगर में आक्सीजन के खाली सिलेंडरों की कालाबाजारी की सूचना दी गई। इसके बाद पीआरवी ने मौके पर पहुंचकर दुकान के अंदर 40 सिलेंडर खाली पड़े देखे। उसके बाद टीपीनगर पुलिस को मौके पर बुलाया गया। दुकान स्वामी हरेंद्र के सामने ही पुलिस ने दुकान को सील करते हुए अपना ताला डाल दिया। कुछ ही देर बाद हरेंद्र ने थाने से संपर्क रखने वाले एक व्यापारी नेता से मामला निपटाने की बात रखी। नेता ने दस सिलेंडरों में दुकान खुलवाने का प्रस्ताव रखा। पांच सिलेंडर टीपीनगर पुलिस को दे दिए, जबकि व्यापारी नेता ने पांच सिलेंडर खुद रख लिए। उसके बाद दुकान का ताला खुलवा दिया गया। इंस्पेक्टर रघुराज का उस समय तर्क था कि दुकान में रखे सिलेंडरों में कालाबाजारी का मामला नहीं मिला, इसलिए दुकान का ताला खोल दिया गया। रविवार को इंस्पेक्टर पूरे घटनाक्रम से ही मुकर गए। उनका कहना है कि पुलिस ने सिर्फ दुकान बंद कराई थी। उसके बाद पुलिस से सिलेंडरों का कोई मतलब नहीं है।
मामले पकड़े, मगर रिकार्ड अभी शून्य
पुलिस और सर्विलांस की टीम ने आक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी को लेकर कई जगह छापामारी की है लेकिन अभी तक पुलिस रिकार्ड में कालाबाजारी का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। इसके पीछे पुलिस की अपनी मंशा नजर आ रही है। थानों में आक्सीजन सिलेंडर पकड़े जा रहे हैं मगर पुलिस पकड़े सिलेंडरों को थाने में जमाकर अपने उपयोग में ला रही है। सिलेंडर की कालाबाजारी करने वाला मुकदमें के डर से उल्टे पांव लौट जाता है। ज्यादातर थानों में यही काम चल रहा है।
इन्होंने बताया...
सिलेंडरों की कालाबाजारी के लिए सíवलांस टीम और थानों को आदेश दिए गए हैं। यदि टीपीनगर या अन्य थानों की पुलिस ने सिलेंडर वसूली की है, तो सीओ से जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। सिलेंडर की कालाबाजारी पकड़ने पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं।
-अजय साहनी, एसएसपी