मेरठ-करनाल हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली ने साइकिल सवार को कुचला, मौत, जाम

मेरठ-करनाल हाईवे पर तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली की टक्‍कर के बाद साइकिल सवार की मौत हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। इस दौरान हाईवे के दोनों तरफ सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई और लोगों को बहुत परेशानी हुई।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 01:45 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 01:45 PM (IST)
मेरठ-करनाल हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली ने साइकिल सवार को कुचला, मौत, जाम
मंगलवार को मेरठ-करनाल हाईवे पर जाम लगाते ग्रामीण

मेरठ, जेएनएन। सरूरपुर थाना क्षेत्र के मेरठ-करनाल हाईवे पर मंगलवार को तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली ने साइकिल सवार को कुचल दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी पर स्वजन व ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। इससे लोगों को बहुत परेशानी हुई।

अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े ग्रामीण

मंगलवार सुबह साइकिल सवार युवक मेरठ-करनाल हाईवे से होकर अपने गांव जा रहा था। जब वह भूनी गांव के सामने पहुंचा तो मेरठ की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली चालक ने उसे कुचल दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। चालक ट्रैक्टर-ट्राली मौके पर छोड़कर फरार हो गया। शोर-शराबा होने पर आसपास के लोग एकत्र हो गए। इस दौरान साइकिल सवार की पहचान भूनी निवासी 45 वर्षीय संजय पुत्र सतीश के रूप में हुई। उधर, जानकारी पर उसके स्वजन व ग्रामीण पहुंच गए और आक्रोशित ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। सूचना पर आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित स्वजन व ग्रामीणों ने एक न मानी और अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़ गए। कुछ देर बाद एसडीएम अमित कुमार भारतीय व सीओ सरधना आरपी शाही पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान स्वजन व ग्रामीणों को आर्थिक मदद व चालक को जल्द पकड़ने का आश्वासन देकर जाम खुलवा दिया। इसके बाद पुलिस ने शव मर्चरी को भेज दिया। खबर लिखे जाने तक कोई तहरीर नहीं दी गई थी।

दो घंटे हाईवे पर जाम

हादसे के बाद मृतक के आक्रोशित स्वजन व ग्रामीणों ने मेरठ-करनाल हाईवे पर जाम लगा दिया। इस दौरान हाईवे के दोनों तरफ सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। इससे लोगों को बहुत परेशानी हुई।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

संजय के पिता सतीश भूनी गांव में जूनियर हाईस्कूल में चपरासी के पद पर तैनात थे। बीते वर्षों में वह रिटायर हुए थे। ग्रामीणों ने बताया कि सतीश के तीन पुत्र थे। जिसमें सतीश सबसे बड़ा था। उन्होंने शादी नहीं की थी। करीब ढाई माह पहले कोविड से उनके सबसे छोटे बेटे की मौत हो गई थी। अब हादसे में संजय की भी मौत हो गई। संजय सरधना की एक फैक्ट्री में काम करते थे। गांव में शोक का माहौल है।

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