Cyber Crime: गूगल की मदद पड़ रही भारी... खाते हो रहे खाली, मेरठ के लोग ऐसे बन रहे आनलाइन ठगी का शिकार

Cyber Crime यदि आप गूगल में अपने काम कोई चीज तलाश रहे हैं तो सावधान हो जाइए। गूगल पर नंबर ढूंढने वालों को शिकार बना रहे ठग। 70 से 80 प्रतिशत तक शिकायत इसी तरह की आ रहीं। नए नए तरीके अपनाकर ठग आनलाइन शिकार कर रहे हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 09:20 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 11:21 AM (IST)
Cyber Crime: गूगल की मदद पड़ रही भारी... खाते हो रहे खाली, मेरठ के लोग ऐसे बन रहे आनलाइन ठगी का शिकार
मेरठ में आठ शिकायतें रोजाना साइबर सेल के पास ठगी की आ रहीं हैं।

अभिषेक कौशिक, मेरठ। गूगल की मदद अब भारी पडऩे लगी है। आन लाइन ठग उसकी मदद से खाते खाली कर रहे हैं। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि आंकड़े बोल रहे हैं। साइबर सेल में आने वाली शिकायतों में से 70 से 80 प्रतिशत ऐसी ही हैं, जिनमें गूगल पर किसी कंपनी या फिर सर्विस के लिए नंबर तलाशा गया था। काम की बात तो नहीं हुई, बल्कि खाते से रकम और कट गई। अब पीडि़त साइबर सेल के चक्कर काट रहे हैं।

ऐसे उठा रहे फायदा

कुछ भी जानने या फिर पता करने के लिए सभी की अंगुलियां खुद ही गूगल तक पहुंच जाती हैं। पल भर में जानकारी भी सामने होती है। दिमाग पर जोर देना अब किसी को पंसद नहीं है। इसका फायदा आनलाइन ठगों ने उठाना शुरू कर दिया है। जैसे ही कोई व्यक्ति किसी कंपनी या फिर सर्विस से जड़े प्रतिनिधि का नंबर लेने के लिए गूगल का सहारा लेता है, तो वहीं से ठगी की पठकथा शुरू हो जाती है। क्योंकि, ठगों ने भी अपने नंबर सर्च इंजन पर डाल दिए हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति उन नंबरों पर काल करता है, तो ठग उससे धीरे-धीरे सारी जानकारी ले लेते हैं और फिर खाते से रकम साफ कर देते हैं। रोजाना ही सात से आठ शिकायतें ऐसी साइबर सेल में पहुंच रही हैं। नवंबर माह के 11 दिनों में ही करीब 90 लोगों से ठगी हो चुकी है।

बात करते-करते कट गए रुपये

शास्त्रीनगर निवासी विक्रम ने बताया कि तीन दिन पहले उन्होंने आरओ कंपनी का नंबर लेने के लिए गूगल पर सर्च किया था। वहां जो नंबर मिला, उस पर बात की तो ठग ने बातों में उलझा लिया। उससे कुछ कोड पूछा और खाते से नौ हजार रुपये कट गए। मैसेज देखा तो हैरान हो गए। इसके बाद ठग ने फोन काट दिया।

कस्टमर केयर के नाम पर ठगी

सिविल लाइन निवासी प्रीति ने बताया कि उसका एटीएम कार्ड खो गया था। उसे बंद कराने के लिए गूगल पर ही सर्च किया था। वहां पर बैंक का नंबर था, जिस पर काल किया तो एक युवती ने बात की। उससे डिटेल मांगी। विश्वास करके उसने भी जानकारी दे दी। कुछ देर बाद उसके खाते से 17 हजार रुपये कटने का मैसेज आ गया। फिर उस नंबर पर बात नहीं हो सकी।

साफ्टवेयर के नाम पर बनाया शिकार

सदर निवासी अक्षय ने बताया कि उसके लैपटाप में कुछ परेशानी आ रही थी। दुकान पर दिखाया तो उसने वायरस होने की बात कही। वह गूगल पर एंटी वायरल तलाश कर रहा था। एक कंपनी के नंबर पर काल किया तो उसने मोबाइल में ऐनी डेस्क साफ्टवेयर डाउनलोड करा दिया, जिसके बाद उसके मोबाइल को ठग आपरेट करने लगा और फिर खाते से 13 हजार रुपये साफ कर दिए।

जागरूता से आई कमी

साइबर सेल प्रभारी राघवेंद्र ने बताया कि लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसका असर भी दिखाई दे रहा है। पहले जहां शिकायतों की संख्या अधिक थीं, वहीं अब कम हो गई हैं। ठग लगातार वारदात करने के तरीके बदलते रहते हैं, ऐसे में अलर्ट रहकर ही बचा जा सकता है। इसके चलते ही साइबर सेल ने सभी थानों में तैनात दारोगाओं को भी प्रशिक्षण दिया था। वह भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

इनका कहना है

आनलाइन ठग वारदात करने के तरीके लगातार बदलते रहते हैं। फिलहाल गूगल पर सर्च करने वाले उनके निशाने पर हें। साइबर सेल में भी ऐसे ही पीडि़तों की शिकायतें अधिक आ रही हैं। जांच अधिकारी रुपये वापसी के प्रयास कर रहे हैं। कुछ मामलों में कामयाबी हाथ लगी है। हालांकि लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है।

- अनित कुमार, एसपी क्राइम

शिक्षिका से खाते से उड़ाए 30 हजार, साइबर सेल ने वापस कराए

मेरठ : समय पर जानकारी देने के कारण शिक्षिका के खाते से निकाली गई रकम साइबर सेल ने वापस करा दी। खाते से रकम निकलते ही शिक्षिका ने पुलिस लाइन स्थित साइबर सेल के आफिस में शिकायत की। पुलिस ने हैकर के खाते से 30 हजार की रकम वापस करा ली। अपर्णा वत्स निवासी सी-5 गणपति अपार्टमेंट पंचवटी कालोनी गंगानगर एक स्कूल में शिक्षिका हैं। अपर्णा खरीदारी के लिए गूगल से फोन नंबर ढूंढ रही थीं। गूगल से अपर्णा ने जो नंबर ढूंढा वह बदकिस्मती से हैकर का था। अपर्णा के काल करते ही हैकर ने उन्हें शिकार बना लिया। अपर्णा के खाते से हैकर ने 29 हजार 900 रुपये निकाल लिए। शिकायत मिलते ही साइबर सेल ने हैकर का बैंक खाता सीज करा दिया और अपर्णा के खाते में रकम वापस करा दी। एसपी क्राइम अनित कुमार का कहना है कि साइबर ठगी की समय पर सूचना मिलने से रकम वापसी की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि शिक्षिका की पूरी रकम वापस करा दी गई है। 

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