Cyber Crime: बैंक के नाम से फर्जी लिंक आए तो रहें सावधान, मेरठ में KYC के नाम पर खाते से 99 हजार साफ, ऐसे बचें

यदि हम बात करें कोरोनाकाल की तो पिछले दो साल में आनलाइन बैंकिंग का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। लोग कैश में भुगतान करने की जगह मोबाइल एप यूपीआइ सहित कई डिजिटल मोड का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। लेकिन ठग भी नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 05:30 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 05:30 PM (IST)
Cyber Crime: बैंक के नाम से फर्जी लिंक आए तो रहें सावधान, मेरठ में KYC के नाम पर खाते से 99 हजार साफ, ऐसे बचें
कर रहे फर्जीवाड़ा : बैंक का नाम आगे लगाकर रिमोट एप भेज रहे हैं साइबर ठग।

विवेक राव, मेरठ। Cyber Crime एटीएम, इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के साथ अगर आप बहुत अधिक आनलाइन शापिंग या आनलाइन टिकट बुक कराते हैं तो बहुत अधिक सावधान रहिए। साइबर ठग आपके खाते पर बुरी तरह से नजर गड़ाए बैठे हैं। केवाइसी कराने से लेकर, एटीएम रिन्‍यूवल कराने और बैंक खाते में नामिनी का नाम अपडेट कराने, बीमा के पैसे के रिफंड के नाम पर कई तरह से आनलाइन ठगी कर रहे हैं। जिसे पकड़ पाना बैंक से लेकर पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है।

नए-नए तरीकों से कर रहे ठगी

पिछले दो साल में कोविड के दौरान आनलाइन बैंकिंग तेजी से बढ़ी है। लोग कैश में भुगतान करने की जगह मोबाइल एप, यूपीआइ सहित कई डिजिटल मोड का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ आनलाइन फ्राड भी तेजी से बढ़ा है। मेरठ के साइबर सेल में आए दिन की आनलाइन ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। जिसमें ज्‍यादातर फोन काल झारखंड, पश्‍चिम बंगाल जैसे जगहों से आ रहे हैं। साइबर ठग अब नए-नए तरीके से ग्राहकों को अपना शिकार बना रहे हैं। जिसमें वह फर्जी तरीके से लिंक भेजकर ग्राहकों के मोबाइल का एक्‍सेस अपने हाथ में ले रहे हैं।

केवाइसी के नाम पर प्रोफेसर की पत्‍नी से 99 हजार रुपये की ठगी

चौधरी चरण सिंह विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर की पत्‍नी से 99 हजार रुपये की आनलाइन ठगी पलक झपकते कर ली गई। प्रोफेसर की पत्‍नी के पास इंडियन बैंक के नाम से कोई फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को ब्रांच का मैनेजर बताया। प्रोफेसर का पता और सारी जानकारी देते हुए आनलाइन KYC केवाइसी कराने को कहा। केवाइसी न कराने की स्‍थिति में खाते के संचालन को रोकने की बात की। फोन पर उसने पूरी जानकारी ली और खाते से 99 हजार रुपये की रकम हड़प लिया। प्रोफेसर की पत्‍नी ने न तो कोई ओटीपी शेयर किया और नहीं कोई एप ही डाउनलोड किया। इस मामले की रिपोर्ट अब साइबर सेल में की गई है।

टीम व्‍यूवर एप से सावधान

साइबर ठग इस समय ग्राहक के मोबाइल का एक्‍सेस अपने हाथ में लेकर ओटीपी हासिल कर रहे हैं। इसके लिए वह अलग अलग तरीके के रिमोट कंट्रोल करने वाले एप डाउनलोड करा रहे हैं। चौधरी चरण सिंह विवि में गणित विभाग के प्रोफेसर शिवराज सिंह के पास ऐसे ही एक साइबर ठग ने एटीएम कार्ड को रिन्‍यूवल कराने के नाम पर मैसेज भेजा। जिसमें उसने इंडियन बैंक का नाम आगे लिखा हुआ था, उसके बीच में टीम व्‍यूवर क्‍विक सपोर्ट मार्केट के नाम से लिंक लगाया था। ठग ने खुद को इंडियन बैंक का मैनेजर बताते हुए एप डाउनलोड कराने को कहा। कुछ शक होने पर प्रोफेसर परिसर स्‍थित इंडियन बैंक जाकर एटीएम रिन्‍यूवल कराने को कहा तो असलियत सामने आई। प्रोफेसर शिवराज बाल- बाल आनलाइन ठगी से बच पाए।

Truecaller पर फर्जी नाम

आनलाइन ठगी करने वाले अपने मोबाइल नंबर को किसी न किसी बैंक के नाम पर ट्रूकालर में रजिस्‍टर्ड कराया हुआ है। अगर आपके फोन में ट्रू कालर है तो नंबर की जांच करने पर ट्रू कालर में संबंधित बैंक का नाम आ रहा है। आनलाइन ठगी करने वाले संबंधित व्‍यक्‍ति की पूरी जानकारी हासिल करके फोन कर रहे हैं। विश्‍वास दिलाने के लिए वह संबंधित व्‍यक्‍ति के विभाग के किसी व्‍यक्‍ति का नाम भी बता रहे हैं। जिसमें वह बता रहे हैं उन्‍होंने आनलाइन रिन्‍यूवल कराया है।

किसी भी लिंक को मत करें क्‍लिक

पीएनबी के एजीएम एसएन गुप्‍ता का कहना है कि ग्राहक को किसी भी अंजान लिंक को क्‍लिक करने से बचना चाहिए। आनलाइन बैंकिंग करते हैं तो पिन को लगातार बदलते रहना चाहिए। साथ ही वित्‍तीय मामलों में अगर कोई खुद को बैंक का कर्मचारी या अधिकारी बताकर कुछ जानकारी चाहता है तो बिलकुल मना कर दें। केवाइसी या एटीएम रिन्‍यूवल बैंक में जाकर ही कराएं।

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