उप्र के इस जिले में पुलिस से बचने के लिए बदमाशों ने घर के आसपास लगवाए सीसीटीवी कैमरे
एनकाउंटर के खौफ से बचने के लिए बदमाशों ने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। इनमें से कुछ अपराध छोड़कर खेतीबाड़ी या कोई अन्य काम कर रहे हैं। इन सबके बीच कुछ एक्टिव भी हैं।
प्रशांत त्यागी, सहारनपुर। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद बाद प्रदेश में आपरेशन क्लीन शुरू हो चुका है। खाकी की सख्ती से जयरामपेशा लोगों के मन में एनकाउंटर का खौफ है। इससे बचने के लिए उन्होंने अपने घरों व आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवाने शुरू कर दिए हैं। इनमें से कुछ अपराध छोड़कर खेतीबाड़ी या कोई अन्य काम कर रहे हैं। इन सबके बीच कुछ एक्टिव भी हैं।
देवबंद तहसील क्षेत्र में 127 हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर हैं। कानपुर मुठभेड़ कांड में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद योगी ने आपरेशन क्लीन के आदेश दे दिए हैं। कुख्यात विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अधिकांश बदमाशों में दहशत है कि कहीं इस सूची में उनका नाम भी शामिल न हो जाए। सूत्रों की मानें तो इनमें से करीब 20 से 25 बदमाशों ने अपने घर व आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवाने शुरू कर दिए हैं। कुछ ने तो पहले से ही कैमरे लगवा रखे हैं।
खटोली गांव निवासी रईस अहमद जरायम छोड़कर अब खेतीबाड़ी करता है। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद वह दशहत में है। इसी वजह से उसने अपने घर से लेकर सड़क तक सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, ताकि पुलिस की हर हरकत पर नजर रहे। रईस का कहना है कि पुलिस उसे पूर्व में कई बार झूठे मुकदमों में जेल भेज चुकी है।
कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी कुख्यात अपराधी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह अपराध छोड़ चुका है। स्वजनों के साथ साधारण जीवन जी रहा है लेकिन विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद वह दहशत में है। इसलिए उसने घर और आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं।
अपराध में संलिप्त हर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। बिना जांच-पड़ताल के किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है। -डा. एस चन्नप्पा, एसएसपी